अहमदाबाद में सात जुलाई को निकाली जाएगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा; 22,000 पुलिसकर्मी होंगे तैनात |

अहमदाबाद में सात जुलाई को निकाली जाएगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा; 22,000 पुलिसकर्मी होंगे तैनात

अहमदाबाद में सात जुलाई को निकाली जाएगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा; 22,000 पुलिसकर्मी होंगे तैनात

:   Modified Date:  July 4, 2024 / 05:39 PM IST, Published Date : July 4, 2024/5:39 pm IST

अहमदाबाद, चार जुलाई (भाषा) गुजरात के अहमदाबाद में सात जुलाई को भगवान जगन्नाथ की 147वीं वार्षिक रथ यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के एकत्र होने की उम्मीद है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि वार्षिक रथ यात्रा के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं और 22,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया जाएगा।

अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त जीएस मलिक ने करीब 600 पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के बाद एक प्रेस वार्ता में बताया कि उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ में 120 से ज्यादा लोगों की मौत होने के मद्देनजर भीड़ का प्रबंधन करने में अतिरिक्त सावधानी बरती जाएगी।

उन्होंने कहा कि पुलिस इस बार अपराधियों की पहचान करने के लिए ‘फेस डिटेक्शन’ कैमरों का इस्तेमाल करेगी।

अधिकारी ने बताया कि पुलिस लोगों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए 20 ड्रोन के साथ-साथ कैमरे लगे गुब्बारे भी तैनात करेगी।

उन्होंने कहा कि बीएसएफ और रैपिड एक्शन फोर्स जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कंपनियां और राज्य रिजर्व पुलिस (एसआरपी) की 35 कंपनियां भी 16 किलोमीटर लंबे यात्रा मार्ग और प्रमुख स्थानों पर तैनात की जाएंगी।

प्रत्येक कंपनी में आमतौर पर 80 से 90 सुरक्षाकर्मी होते हैं।

मलिक ने कहा, ‘रथ यात्रा मार्ग और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर सात जुलाई को 22,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। इनमें नियमित पुलिस बल के 12,000 जवान, 6,000 होमगार्ड, सीएपीएफ की 11 कंपनियां और एसआरपी की 35 कंपनियां शामिल हैं।’

उन्होंने बताया कि इनमें से 4,500 जवान पूरे मार्ग पर जुलूस के साथ चलेंगे, जबकि 1,931 जवान यातायात प्रबंधन के लिए तैनात किए जाएंगे।

मलिक ने कहा, “हम किसी भी तरह की भगदड़ से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतेंगे। हम लोगों के प्रवेश और निकास को नियंत्रित करने के लिए जहां भी ज़रूरत होगी, वहां बैरिकेड लगाएंगे। हम सभी को एक साथ प्रवेश की अनुमति देने के बजाय लोगों को समूहों में विभाजित करेंगे।”

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी नियंत्रण कक्ष से जुड़े 1,733 ‘बॉडी-वॉर्न कैमरे’ का उपयोग करके रथ यात्रा पर कड़ी नजर रखेंगे।

अधिकारी ने बताया कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के पूरे रास्ते पर दुकानदारों द्वारा लगाए गए लगभग 1,400 सीसीटीवी कैमरों का भी निगरानी के लिए उपयोग किया जाएगा।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बुधवार को बताया गया कि यात्रा के मार्ग पर 47 स्थानों पर 20 ड्रोन और 96 निगरानी कैमरे लगाए गए हैं।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बुधवार को इस बड़े धार्मिक आयोजन के संबंध में एक बैठक की और सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की। इस बैठक में राज्य के गृह मंत्री हर्ष संघवी और पुलिस महानिदेशक विकास सहाय सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।

विज्ञप्ति में बताया गया कि मलिक ने बैठक के दौरान विभिन्न सुरक्षा इंतजाम की जानकारी साझा की।

इसमें बताया गया है कि किसी भी आपात चिकित्सा स्थिति से निपटने के लिए पांच सरकारी अस्पतालों में 16 एंबुलेन्स तैयार रहेंगी। साथ ही नागरिकों की मदद करने के लिए 17 ‘हेल्प डेस्क’ होंगे।

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की परंपरा दशकों से चली आ रही है। जमालपुर स्थित 400 साल पुराने भगवान जगन्नाथ मंदिर से सुबह करीब सात बजे रथ यात्रा शुरू होगी और शहर के विभिन्न इलाकों से गुजरते हुए रात आठ बजे तक वापस लौटेगी।

इस धार्मिक यात्रा में आम तौर पर 18 सुसज्जित हाथी, 100 ट्रक और 30 अखाड़ों (स्थानीय व्यायामशालाओं) के लोग शामिल होते हैं।

इस दौरान भगवान जगन्नाथ, उनके बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों को प्राचीन परंपरा के अनुसार ‘खलासी’ समुदाय के लोग खींचेंगे।

यात्रा के दौरान भगवान की एक झलक पाने के लिए सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में श्रद्धालु खड़े रहते हैं।

भाषा नोमान अविनाश

अविनाश

 

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