नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि ‘‘समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक, 2024’’ माल भेजने वालों और ढुलाई करने वालों के बीच बेहतर तालमेल कायम करेगा और विश्वसनीयता को बढ़ाएगा।
सदन ने विधेयक पर चर्चा के बाद, कुछ सरकारी संशोधनों के साथ इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया।
यह विधेयक, कानून का रूप लेने के बाद ‘समुद्र द्वारा मालवहन अधिनियम, 1925’ की जगह लेगा। नये विधेयक में भारत में एक बंदरगाह से दूसरे बंदरगाह या दुनिया के किसी भी बंदरगाह तक माल की ढुलाई की जिम्मेदारियों, देनदारियों, अधिकार और छूट से संबंधित प्रावधान किए गए हैं।
मंत्री ने विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा, ‘‘यह विधेयक 100 साल पुराने और स्वतंत्रता पूर्व के अधिनियम की जगह लेगा। नया विधान औपनिवेशिक मानसिकता को त्यागने की दिशा में उठाया गया एक कदम है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘समुद्र द्वारा माल वहन के क्षेत्र में देश को वैश्विक स्तर पर अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए हमें (पुराने अधिनियम में) बदलाव लाने की जरूरत थी, इसलिए यह विधेयक लाया गया।’’
मंत्री ने कहा कि सभी हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा के बाद इसे लाया गया। उन्होंने कहा कि विधेयक का मुख्य उद्देश्य प्रावधानों की मूल बातों को बदले बिना उसका सरलीकरण करना है।
उन्होंने विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर जताई गई आशंका को दूर करते हुए कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि प्रस्तावित कानून के प्रावधानों में बदलाव के लिए हर अधिसूचना को संसद से मंजूरी लेने की आवश्यकता होगी।
सोनोवाल ने कहा, ‘‘विधेयक भारत के कानून को सरल और प्रभावी बनाता है, यह माल भेजने वालों और माल ढुलाई करने वालों के बीच बेहतर तालमेल और कहीं अधिक विश्वसनीयता सुनिश्चित करेगा।’’
उन्होंने कहा कि विधेयक में यह सुनिश्चित किया गया है कि माल ढुलाई करने वाले पोत अपने दायित्वों का निर्वहन करें, ताकि माल सुरक्षित रूप से अपने गंतव्य तक पहुंच सके।
यह विधेयक पहली बार गत वर्ष नौ अगस्त को सदन में पेश किया गया था।
भाषा सुभाष अविनाश
अविनाश
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