Lok Sabha Elections Result 2024: नई दिल्ली। पिछले दो आम चुनाव में नेता प्रतिपक्ष लायक संख्या पाने में विफल कांग्रेस के लिए यह चुनाव किसी संजीवनी से कम नहीं है। उसने न सिर्फ अपनी सीटों की संख्या लगभग दोगुनी की है, बल्कि अपनी खोई जमीन को भी वापस पाने में काफी हद तक सफलता हासिल की है।
कांग्रेस इस चुनाव में पहली बार सामाजिक न्याय को आधार बनाते हुए जनता के बीच पहुंची और कई राज्यों में उसने भाजपा को कड़ी चुनौती दी। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने प्रभावशाली चुनावी अभियान का नेतृत्व किया, जिसमें पार्टी द्वारा लोगों को दी जा रही कल्याणकारी गारंटी को रेखांकित किया गया। कांग्रेस ने पांच ‘न्याय’ और 25 ‘गारंटी’ पर आधारित घोषणापत्र तैयार किया और लोगों तक पहुंचाने में पूरी ताकत लगाई।
कांग्रेस नेताओं ने पार्टी की शानदार वापसी का श्रेय लोगों के मुद्दों और उसकी ‘न्याय’ गारंटी पर ध्यान केंद्रित करने को दिया। साथ ही, कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने रैलियों में इस दावे को जोरदार ढंग से उठाया कि भाजपा संविधान को बदल देगी, जिसका जमीन पर गहरा असर नजर आता है। कांग्रेस ने ‘इंडिया’ गठबंधन को बनाने, विस्तार देने और सीटों के तालमेल में भी कुछ हद तक त्याग किया।
राहुल गांधी ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा कि सभी कांग्रेस नेता ‘इंडिया’ गठबंधन के सहयोगियों का सम्मान करते हैं और जहां भी गठबंधन लड़ा, ‘एक होकर लड़े।’ उनका कहना था, ‘‘ये लड़ाई संविधान को बचाने की थी। जब मोदी सरकार ने हमारे बैंक खाते फ्रीज किए, मुख्यमंत्रियों को जेल में डाला, पार्टियां तोड़ी तो मेरे दिमाग में था कि हिंदुस्तान की जनता अपने संविधान के लिए एकजुट होकर लड़ जाएगी। ये बात सच साबित हुई।’’
Lok Sabha Elections Result 2024: कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘मैं हिंदुस्तान की जनता, ‘इंडिया’ गठबंधन के साथियों, कांग्रेस के नेताओं और बब्बर शेर कार्यकर्ताओं का दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं। आपने संविधान को बचाने का सबसे बड़ा और जरूरी कदम उठाया।’’ गांधी ने कहा, ‘इस चुनाव के जरिये देश ने यह संदेश दिया है कि हम नहीं चाहते कि नरेन्द्र मोदी, अमित शाह इस देश को चलाएं।’ लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार समाप्त होने के बाद, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि पार्टी ने लोकसभा चुनावों के दौरान एक आक्रामक चुनावी अभियान चलाया और बिना किसी ‘‘अगर-मगर, किंतु परंतु’’ के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘बैकफुट’ पर ला दिया।