100% Reservation in Private Jobs: नई दिल्ली। अगर आप भी कर्नाटक के रहने वाले हैं और प्राइवेट जॉब कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए बड़े काम की है। दरअसल, कर्नाटक में जल्द ही प्राइवेट क्षेत्र की C और D कैटेगरी की नौकरियों में स्थानीय लोगों यानी कि कर्नाटक के रहने वाले लोगों को 100 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बताया कि मंत्रिमंडल ने निजी क्षेत्र में ग्रुप सी और डी के पदों पर कन्नड़ लोगों के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण लागू करने संबंधी विधेयक को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय सोमवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
कन्नड़ भूमि में नौकरियों से वंचित न होना पड़े – सीएम
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि, हम कन्नड़ समर्थक सरकार हैं। हमारी प्राथमिकता कन्नड़ लोगों के कल्याण का ध्यान रखना है। अपनी सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए सीएम ने कहा कि हमारी सरकार की इच्छा है कि कन्नड़ लोगों को कन्नड़ भूमि में नौकरियों से वंचित न होना पड़े और उन्हें अपनी मातृभूमि में आरामदायक जीवन जीने का अवसर दिया जाए। इस बिल का नाम ‘कर्नाटक राज्य उद्योग, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार विधेयक, 2024’ है, जिसे गुरुवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा।
स्थानीय की श्रेणी में कौन?
इस बिल में स्थानीय को परिभाषित करते कहा गया है कि स्थानीय वो है जो कर्नाटक में जन्मा हो, 15 वर्षों से राज्य में निवास कर रहा हो और स्पष्ट रूप से कन्नड़ बोलने, पढ़ने और लिखने में सक्षम हो। बिल में कहा गया है कि यदि अभ्यर्थियों के पास कन्नड़ भाषा का माध्यमिक विद्यालय का प्रमाणपत्र नहीं है, तो उन्हें ‘नोडल एजेंसी’ की ओर से लिए जाने वाले कन्नड़ प्रवीणता परीक्षा पास करनी होगी।
इतने प्रतिशत उम्मीदवारों की होगी नियुक्ति
इस बिल में स्थानीय उम्मीदवारों की नियुक्ति के बारे में विधेयक में कहा गया है कि ‘किसी भी उद्योग, कारखाने या अन्य प्रतिष्ठानों को प्रबंधन श्रेणियों में 50 प्रतिशत स्थानीय उम्मीदवारों और गैर-प्रबंधन श्रेणियों में 70 प्रतिशत स्थानीय उम्मीदवारों की नियुक्ति करनी होगी। इस प्रकार कर्नाटक में अब मैनेजमेंट कैटेगरी में 50%, नॉन मैनेजमेंट कैटेगरी में 75 % और सी और डी कैटेगरी की नौकरियों में 100 % स्थानीय लोगों की बहाली होगी।
उल्लंघन करने पर लगेगा जुर्माना
अगर कोई भी नियोक्ता, अधिभोगी या प्रतिष्ठान के प्रबंधक इस अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करते हैं, उन्हें 10,000 रुपये से 25,000 रुपये तक के जुर्माने भरना पड़ेगा। प्रस्तावित विधेयक में कहा गया है कि ‘यदि जुर्माना लगाए जाने के बाद भी उल्लंघन जारी रहता है, तो उल्लंघन जारी रहने तक प्रत्येक दिन के लिए 100 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। बता दें कि ये बिल अभी विधानसभा में पेश नहीं हुआ है। इस बिल को गुरुवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा।
छूट के लिए आवेदन दे सकती है कंपनी
इस बिल में कहा गया है कि यदि योग्य स्थानीय अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं हैं, तो कंपनियों को सरकार या उसकी एजेंसियों के सक्रिय सहयोग से तीन वर्ष के भीतर उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए कदम उठाने चाहिए।वहीं, यदि पर्याप्त संख्या में स्थानीय अभ्यर्थी उपलब्ध नहीं हैं, तो कंपनियां इस नियम के प्रावधानों में छूट के लिए सरकार से आवेदन कर सकती हैं। वहीं, कांग्रेस सरकार के इस फैसले पर निजी क्षेत्र के बड़े उद्यमियों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इस फैसले से निजी फर्मों को स्किल लेबर की समस्या हो सकती है।