युवाओं को देश के इतिहास, भाषा और संस्कृति से जोड़ने के लिए पुस्तकालयों का निर्माण किया जाए:शाह |

युवाओं को देश के इतिहास, भाषा और संस्कृति से जोड़ने के लिए पुस्तकालयों का निर्माण किया जाए:शाह

युवाओं को देश के इतिहास, भाषा और संस्कृति से जोड़ने के लिए पुस्तकालयों का निर्माण किया जाए:शाह

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Modified Date: October 15, 2023 / 10:57 PM IST
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Published Date: October 15, 2023 10:57 pm IST

(फोटो के साथ)

गांधीनगर, 15 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि युवाओं को देश के इतिहास, भाषा और संस्कृति से जोड़ने के लिए पुस्तकालयों का निर्माण किया जाना चाहिए।

उन्होंने अध्यापकों से विद्यार्थियों को उनकी रूचि के विषयों में ज्ञान अर्जित करने के लिए पुस्तकालय जाने के वास्ते प्रोत्साहित करने की अपील भी की।

शाह ने 1857 के विद्रोह के दौरान देश की आजादी के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले मनसा के 12 शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिये बनाए गए “समाउ शहीद स्मारक” के उद्घाटन के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने एक पुस्तकालय का भी उद्घाटन किया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज के युवा अंग्रेजी के शब्दों का इस्तेमाल किये बिना 35 मिनट तक गुजराती में भाषण नहीं दे पायेंगे क्योंकि वे अपनी मातृभाषा की समृद्धि से अवगत नहीं हैं।

शाह ने कहा, ‘‘ युवाओं को देश के इतिहास, भाषा और संस्कृति से जोड़ने के लिए पुस्तकालयों का निर्माण किया जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि यदि मानसा में समृद्ध पुस्तकालय नहीं होता तो वह शायद व्यापारी के रूप में काम कर रहे होते।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ मानसा के पुस्तकालय ने मुझे अपने देश की संस्कृति, धर्म और भाषा को जानने-पहचानने का मौका दिया। ’’

उन्होंने कहा कि पुस्तकालय में 7000 किताबें थी और उन्हें उस सूची में ‘भागवत गो मंडल’ (इनसाक्लोपीडिया ऑफ गुजरात) और गुजरात व्याकरण पाकर बहुत खुशी हुई।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ यदि मैं युवाओं खासकर समाऊ गांव के बच्चों से बिना अंग्रेजी का इस्तेमाल किये 35 मिनट गुजराती में बोलने के लिए कहूं तो मैं आपको पक्का बताऊं कि कोई ऐसा नहीं कर पायेगा क्योंकि युवा हमारे शब्द भंडार, व्याकरण और समृद्ध भाषा से अनजान हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘गुजरात में मंत्री रहते हुए मैंने जिलों में युवाओं के लिए बिना अंग्रेजी भाषा का प्रयोग किये 20 मिनट तक भाषण देने की प्रतियोगिता आयोजित की थी। कोई भी ऐसा नहीं कर सका।’’

शाह ने प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापकों से बच्चों और किशोरों को पुस्तकालय ले जाने की अपील की क्योंकि ‘गुजरात और देश का का भविष्य पुस्तकालयों से ही निकलेगा।’’

उन्होंने कहा कि लेकिन साथ ही बच्चों को ‘पोथी पंडित’ भी नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि इससे कोई फायदा नहीं होगा।

भाषा

राजकुमार प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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