उपराज्यपाल ने 90,000 गरीब लोगों को राशन कार्ड न दिए जाने के आरोप की जांच के आदेश दिए |

उपराज्यपाल ने 90,000 गरीब लोगों को राशन कार्ड न दिए जाने के आरोप की जांच के आदेश दिए

उपराज्यपाल ने 90,000 गरीब लोगों को राशन कार्ड न दिए जाने के आरोप की जांच के आदेश दिए

:   Modified Date:  October 12, 2024 / 06:57 PM IST, Published Date : October 12, 2024/6:57 pm IST

नयी दिल्ली, 12 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली के उपराज्यपाल ने विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता के अनुरोध के बाद मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि वह दिल्ली सरकार द्वारा 90,000 गरीब लोगों को राशन कार्ड जारी करने में कथित विफलता की जांच करें।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता गुप्ता ने शनिवार को एक बयान जारी करके दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की जरूरतों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया और दावा किया कि इसने हजारों लोगों को भोजन तक उनकी पहुंच से वंचित कर दिया है।

बयान में गुप्ता ने आप सरकार को गरीब विरोधी करार देते हुए आरोप लगाया कि उसने हजारों लोगों को राशन कार्ड न देकर ‘‘उनके मुंह से निवाला छीन लिया है।’’

भाजपा नेता ने बयान में आरोप लगाया, ‘‘यह स्थिति दलित और हाशिए पर पड़े समुदायों के खिलाफ चल रहे एजेंडे को दर्शाती है।’’

गुप्ता ने कहा कि यह मुद्दा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत शुरू की गई ‘अंत्योदय अन्न योजना’ से जुड़ा है, जिसका उद्देश्य समाज के सबसे गरीब परिवारों को आवश्यक राशन उपलब्ध कराना है।

भाजपा नेता के अनुसार इस योजना के तहत राष्ट्रीय राजधानी में 1,56,800 परिवार हर महीने गेहूं, चावल और चीनी सहित 35 किलोग्राम राशन प्राप्त करने के पात्र हैं।

हालांकि, उन्होंने दावा किया कि 2015 में आप के सत्ता में आने के बाद से लाभार्थियों की संख्या में गिरावट आई है, जो 76,458 से घटकर 66,532 परिवार रह गई है।

गुप्ता ने आरोप लगाया कि लगभग 90,000 पात्र व्यक्तियों को राशन कार्ड जारी नहीं किए गए हैं।

भाषा शफीक नरेश

नरेश

 

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