तिरुवनंतपुरम, 11 सितंबर (भाषा) केरल में सत्तारूढ़ वाम मोर्चा ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) एमआर अजित कुमार के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने के राज्य सरकार के फैसले का बुधवार को समर्थन किया।
नीलांबुर से वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलएडीएफ) के विधायक पीवी अनवर ने कुमार पर मुख्यमंत्री का भरोसा तोड़ने और अपनी जिम्मेदारियों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
एलडीएफ संयोजक टीपी रामकृष्णन ने कहा कि दिन में हुई वाम मोर्चा की बैठक में फैसला लिया गया कि एडीजीपी के खिलाफ आरोपों की गहन जांच की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “सरकार ने जांच शुरू कर दी है। एक बार जांच रिपोर्ट आने के बाद (एडीजीपी द्वारा) कोई गलती किए जाने का खुलासा होता है, तो उन्हें किसी भी कारण से बचाया नहीं जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
वाम मोर्चा की बैठक के बाद तिरुवनंतपुरम में संवाददाताओं से मुखातिब रामकृष्णन ने कहा, “यह सरकार का फैसला है और एलडीएफ इसका समर्थन करता है। केवल आरोपों की बुनियाद पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती।”
उन्होंने कहा, “हमें पता लगाना होगा कि क्या आरोप सही हैं। हम इसके लिए इंतजार करते हैं। आप (मीडिया) जांच रिपोर्ट का इंतजार क्यों नहीं कर सकते?”
रामकृष्णन ने हाल में एलडीएफ संयोजक के रूप में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता ईपी जयराजन की जगह ली थी।
पिछले साल मई में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पदाधिकारी के साथ एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) की मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर एलडीएफ संयोजक ने कहा कि कुमार के उस व्यक्ति से मिलने से कोई समस्या नहीं है।
उन्होंने कहा, “समस्या यह है कि कुमार ने आरएसएस नेता से क्यों मुलाकात की।”
जब कुछ पत्रकारों ने कहा कि जयराजन को एलडीएफ संयोजक के पद से इसलिए हटा दिया गया है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता प्रकाश जावड़ेकर ने उनसे मुलाकात की थी, तो रामकृष्णन ने इससे इनकार किया।
उन्होंने कहा कि जयराजन को एलडीएफ संयोजक के पद से हटाने का फैसला एलडीएफ ने अपनी सामान्य कार्यप्रणाली के तहत लिया था।
रामकृष्णन ने केरल विधानसभा के अध्यक्ष एएन शमसीर के हालिया बयान पर भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि आरएसएस देश में एक महत्वपूर्ण संगठन है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष का पद एक स्वतंत्र और संवैधानिक पद है, इसलिए शमसीर तय कर सकते हैं कि उन्हें क्या कहना चाहिए और क्या नहीं।
हालांकि, एलडीएफ संयोजक ने स्पष्ट किया कि वाम मोर्चा और माकपा आरएसएस की विचारधारा के प्रबल विरोधी हैं।
व्यवसायी से नेता बने और दो बार के विधायक अनवर ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के राजनीतिक सचिव पी शशि पर भी मुख्यमंत्री का भरोसा तोड़ने और अपनी जिम्मेदारियों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
शशि पर लगाए गए आरोपों के बारे में पूछे जाने पर रामकृष्णन ने कहा कि अनवर ने विजयन और माकपा को दी गई लिखित शिकायतों में मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव के खिलाफ कोई आरोप नहीं लगाया है।
एलडीएफ विधायक अनवर ने अजित कुमार पर मंत्रियों, राजनीतिक नेताओं और पत्रकारों के फोन टैप करने का भी आरोप लगाया है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) का सोना तस्करी गिरोह से करीबी संबंध है और वह कई गंभीर अपराधों में शामिल हैं।
बुधवार को अनवर ने कुमार और शशि पर हमला तेज करते हुए उन पर सरकार के हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया कि अजित कुमार के नेतृत्व वाले बल के एक ‘आपराधिक समूह’ ने स्वामी संदीपानंद गिरि के आश्रम में आगजनी सहित विभिन्न मामलों की जांच में व्यवधान डाला और शशि ने इससे अवगत होने के बावजूद इसे मुख्यमंत्री या सरकार के संज्ञान में नहीं लाया।
अनवर ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, “राजनीतिक सचिव अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे हैं। वह उन कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें नियुक्त किया गया है। पुलिस बल में बुरे तत्वों और गतिविधियों के बारे में पार्टी और सरकार को सूचित करना उनके कर्तव्य का हिस्सा था, ताकि उन्हें दूर करने में मदद मिल सके, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।”
भाषा पारुल अविनाश
अविनाश
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