leadership will change in Karnataka, Basavaraj Bommai will go?

कर्नाटक में फिर होगा नेतृत्व परिवर्तन, जाएगी बसवराज बोम्मई की कुर्सी? अमित शाह के दौरे के बाद कयासों का बाजार गर्म

कर्नाटक में फिर होगा नेतृत्व परिवर्तन, जाएगी बसवराज बोम्मई की कुर्सी? leadership will change in Karnataka, Basavaraj Bommai will go?

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:39 PM IST, Published Date : May 2, 2022/7:27 pm IST

बेंगलुरु: leadership will change in Karnataka कर्नाटक में 9 महीने पहले भाजपा ने नेतृत्व परिवर्तन करते हुए दिग्गज लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा के स्थान पर बसवराज बोम्मई को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था। लेकिन 9 महीने बाद ही एक बार फिर नेतृत्व में बदलाव के कयास लगाए जा रहे हैं। ऐसा कयास इसलिए लगाया जा रहा है क्योंकि होम मिनिस्टर अमित शाह आज के बेंगलुरु दौरे पर हैं। बताया जा रहा है कि हिजाब विवाद से लेकर कॉन्ट्रैक्टर की आत्महत्या के मामले में मचे बवाल के बाद पार्टी ऐसा फैसला लेने जा रही है।

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जाएगी बसवराज बोम्मई की कुर्सी?

leadership will change in Karnataka बता दें कि होम मिनिस्टर अमित शाह के आज के बेंगलुरु दौरे ने इन कयासों को और तेज कर दिया है। बोम्मई की कैबिनेट के विस्तार की चर्चाएं तो काफी दिनों से चल रही हैं और यह जल्दी ही किया जा सकता है। भाजपा में ताकतवर माने जाने वाले संगठन महासचिव बीएल संतोष के एक बयान ने इन कयासों को और हवा दी है। उनका कहना था कि भाजपा दिल्ली और गुजरात में बड़े बदलाव करके दिखाए थे। इससे पता चलता है कि पार्टी लीडरशिप में इस बात साहस है कि राज्यों के स्तर पर पूरी लीडरशिप को ही तब्दील कर दिया जाए।

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बेंगलुरु दौरे पर हैं होम मिनिस्टर अमित शाह

बीएल संतोष ने एक नामी मीडिया संस्थान से बातचीत में कहा था, ‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि ऐसा हर जगह पर होगा, लेकिन भाजपा उन फैसलों को लेने में सक्षम है, जो दूसरे दलों में की ओर से न किया जाता हो। पार्टी के आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति के चलते ऐसे फैसले संभाव हैं। गुजरात में तो जब सीएम बदला गया तो फिर पूरी कैबिनेट को ही साथ में बदल दिया गया। राज्य की लीडरशिप में ताजगी लाने के लिए ऐसा किया गया था। इसके पीछे कोई शिकायत नहीं की थी।’ उन्होंने कहा कि राजनीति में बदलाव महत्वपूर्ण होता है।

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बीएल संतोष ने कही ये बात

बीएल संतोष ने कहा, ‘दूसरी बार सत्ता में वापसी करना आसान नहीं होता है। सत्ता में जो होता है, उनके पास दोबारा चुनाव जीतने की चुनौती होती है। ऐंटी-इनकम्बैंसी से निपटने की मुश्किल उनके सामने होती है।’ उनकी इस टिप्पणी के बाद से ही यह कयास लगने लगे हैं कि शायद एक साल के अंदर ही कर्नाटक में फिर से नेतृत्व परिवर्तन होगा। हालांकि बोम्मई की ओर से ऐसी किसी भी टिप्पणी का जवाब नहीं आया है। लेकिन वह बीते दो सप्ताह से कैबिनेट में फेरबदल की तैयारियों में जुटे हैं। वहीं उनके करीबी नेताओं का कहना है कि चीफ मिनिस्टर के करीबी लोगों की ओर से यह अफवाह फैलाई जा रही है ताकि मंत्री परिषद में जगह पाने के लिए दबाव बना सकें।

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