लखनऊ। Asaduddin Owaisi latest statement: हमारे देश में किसी भी बात को लेकर सियासी रूप दे दिया जाता है। गरीबी, विकास, अशिक्षा आदि को छोड़कर धर्म, जाति, रंग आदि पर रार छिड़ जाती है। मजहबी रंग देकर जमकर सियासत की जाती है। कुछ ऐसा ही हुआ है यूपी में। विश्व जनसंख्या दिवस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर बहस छिड़ गई है।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां Click करें*<<
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने विश्व जनसंख्या दिवस पर कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़े, लेकिन जनसांख्यिकी असंतुलन की स्थिति न पैदा हो पाए। बढ़ती आबादी पर चिंता जताते कहा था कि एक ही वर्ग की आबादी बढ़ने से अराजकता होगी। जनसंख्या का असंतुलन नहीं होना चाहिए। सीएम के इस बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने नाराजगी जताते हुए पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मुसलमान ही ज्यादातर गर्भनिरोधक का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि क्या मुसलमान भारत के मूल निवासी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम वास्तविकता देखें, तो मूल निवासी केवल आदिवासी और द्रविड़ लोग ही हैं। यूपी में, बिना किसी कानून के, 2026-2030 तक वांछित प्रजनन दर हासिल की जाएगी। ओवैसी ने कहा कि उनके अपने स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए देश में किसी कानून की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर गर्भनिरोधक का इस्तेमाल मुसलमान ही कर रहे हैं।
Hyderabad | Are Muslims not natives of India? If we see the reality, natives are only tribals & Dravidian people. In UP, without any law, desired fertility rate would be achieved by 2026-2030: AIMIM chief Asaduddin Owaisi on UP CM Yogi Adityanath’s statement pic.twitter.com/hSjB7WAyuK
— ANI (@ANI) July 12, 2022
साल 2016 में कुल प्रजनन दर 2.6 थी जो अब 2.3 है। जनसंख्या दिवस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान पर बहस छिड़ गई है। बीजेपी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का भी इस मामले पर बयान सामने आया है। नकवी ने कहा है कि जनसंख्या विस्फोट किसी मजहब की नहीं, बल्कि मुल्क की मुसीबत है। इसे धर्म और जाति से जोड़ना ठीक नहीं है।
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योगी आदित्यनाथ ने यह बयान देश की बढ़ती आबादी को लेकर दिया था। उन्होंने जनसंख्या असंतुलन को चिंता का विषय बताया था। इस बयान को मजहबी रंग दिया गया। इसे लेकर बढ़ती बहस के बीच बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी का बयान आया है। नकवी ने कहा है कि जनसंख्या विस्फोट किसी मजहब की नहीं, बल्कि मुल्क की मुसीबत है। इसे धर्म और जाति से जोड़ना ठीक नहीं है। मुख्तार अब्बास नकवी ने इस बारे में एक ट्वीट किया है। इसमें उन्होंने हाथ जोड़कर लिखा है- बेतहाशा जनसंख्या विस्फोट किसी मजहब की नहीं, मुल्क की मुसीबत है। इसे जाति और धर्म से जोड़ना जायज नहीं है।
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योगी बोले थे कि हम सभी जानते हैं कि बीते पांच वर्षों से देशभर में जनसंख्या स्थिरीकरण को लेकर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। एक निश्चित पैमाने पर जनसंख्या समाज की उपलब्धि भी है, लेकिन यह उपलब्धि तभी है, जब समाज स्वस्थ और आरोग्यता की स्थिति को प्राप्त कर सके। योगी के इस बयान के बाद बहस छिड़ गई। इसे मजहबी रंग देने की भी कोशिश की गई। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर छिड़ी बहस के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री ने अपनी राय जताई है। विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर योगी ने जनसंख्या असंतुलन पर चिंता जाहिर की थी।
बेतहाशा जनसंख्या विस्फोट किसी मज़हब की नहीं,मुल्क की मुसीबत है,इसे जाति,घर्म से जोड़ना जायज़ नहीं🙏 #populationday2022
— Mukhtar Abbas Naqvi (@naqvimukhtar) July 11, 2022
उन्होंने कहा था कि जब हम परिवार नियोजन की बात करते हैं तो हमें ध्यान में रखना होगा कि जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आगे बढ़े। लेकिन, जनसांख्यिकी असंतुलन की स्थिति भी न पैदा होने पाए। 2023 के दौरान भारत आबादी के लिहाज से चीन को पीछे छोड़ देगा। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह चौहान ने भी सोमवार को जनसंख्या कानून की पैरवी की थी। विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर गिरिराज ने एक वीडियो बयान जारी कर इसे ट्विटर पर शेयर किया था।
बढ़ती जनसंख्या का दानव भारत को विश्व गुरु बनने से रोक रहा है।#PopulationControlLaw pic.twitter.com/eCiCh2JeQM
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) July 11, 2022
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