तिरुवनंतपुरम, 21 मार्च (भाषा) केरल में कांग्रेस नीत विपक्षी गठबंधन संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने शुक्रवार को राज्य में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) सरकार पर सचिवालय के बाहर आशा कार्यकर्ताओं के एक समूह द्वारा 40 दिन से जारी विरोध प्रदर्शन को ‘‘खारिज करने’’ और उसकी लगातार अनदेखी करने का आरोप लगाया।
आशा कार्यकर्ता सेवानिवृत्ति लाभ और मानदेय में बढ़ोतरी की मांग कर रही हैं।
विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन का यह आरोप राज्य के आबकारी मंत्री एम बी राजेश के उस दावे के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि आशा कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन ‘‘राजनीति से प्रेरित’’ है और उनके ‘‘अड़ियल और जिद्दी रुख’’ के कारण वार्ता विफल हो गई।
राजेश ने विधानसभा में सतीशन द्वारा रखी गई बातों का मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की ओर से जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) कार्यकर्ताओं की चिंताओं को दूर करने के लिए प्रयास किए हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी अडिग हैं।
अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के दूसरे दिन एक महिला आशा कार्यकर्ता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम जानते हैं कि वाम मोर्चा क्या है और वह किस बात के लिए खड़ा है।’’
बृहस्पतिवार को आशा कार्यकर्ताओं ने अपना आंदोलन तेज कर दिया तथा तीन सदस्यों ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी।
बुधवार को राज्य सरकार के साथ वार्ता विफल होने के बाद भूख हड़ताल शुरू करने का निर्णय लिया गया था।
भाषा देवेंद्र अमित
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