नई दिल्ली। इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर गुरुवार को पड़ रहा है। 12 घंटे पहले लगने वाले सूतक के चलते 25 दिसंबर बुधवार रात 8 बजे मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। सूतक सूर्य ग्रहण से 12 घंटे पहले 25 दिसंबर को शाम 5 बजकर 32 मिनट से शुरू हो जाएगा और 26 दिसंबर को सुबह 10 बजकर 57 मिनट तक रहेगा।
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ग्रहण में लगने वाला सूतक एक अशुभ समय होता है। धार्मिक दृष्टि से यह अवधि किसी शुभ कार्य के लिए अच्छी नहीं होती है। अतः इस दौरान शुभ कार्यों को नहीं किया जाता है। यह सूर्य ग्रहण से लगने के चार पहर (एक पहर तीन घंटे के बराबर होता है) पहले से ही लग जाता है और ग्रहण के समाप्ति के साथ ही खत्म होता है। हालांकि सूतक काल वहीं प्रभावी होता है, जहां सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
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जब तक सूतक काल चलता है तब तक किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं होते हैं। बताया जा रहा है कि इस साल यह आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 8.17 मिनट से शुरू हो जाएगा और 10:57 तक रहेगा। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार ग्रहण काल में भगवद मूर्ति स्पर्श नहीं करनी चाहिए। ग्रहण के समय पर भोजन आदि नहीं करना चाहिए।
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सूर्य ग्रहण गुरु की राशि धनु और मूल नक्षत्र में लग रहा है। मूल नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है। सूर्य ग्रह, धनु राशि और मूल नक्षत्र के बीच की सामंजस्यता को देखें तो इन तीनों के मध्य अच्छी सामंजस्यता दिखाई दे रही है। लेकिन 26 दिसंबर को लगने वाले इस ग्रहण का सूतक उत्तर भारत में नहीं माना जाएगा, क्योंकि यह ग्रहण उत्तर भारत में दिखाई नहीं देगा।
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