Landslide in Joshimath

जोशीमठ में भू धंसाव प्राकृतिक आपदा, मुख्य सचिव ने कही चौंकाने वाली बात

Landslide natural disaster in Joshimath : उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को कहा कि जोशीमठ में भू धंसाव का होना एक ‘प्राकृतिक आपदा’ है

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Modified Date: January 14, 2023 / 09:43 AM IST
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Published Date: January 14, 2023 9:00 am IST

देहरादून : Landslide natural disaster in Joshimath : उत्तराखंड सरकार ने शुक्रवार को कहा कि जोशीमठ में भू धंसाव का होना एक ‘प्राकृतिक आपदा’ है और सभी पर्वतीय शहरों का अध्ययन कराया जाएगा। प्रदेश के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधु ने यहां कहा कि प्राकृतिक आपदा वही है जो मानव-जनित ना हो । उन्होंने कहा, “इसे (जोशीमठ में भू धंसाव को) प्राकृतिक आपदा ही कहेंगे।”

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जोशीमठ के नीचे कठोर चट्टान नहीं है : मुख्य सचिव

Landslide natural disaster in Joshimath : मुख्य सचिव ने कहा कि अब तक जो रिपोर्ट आ रही हैं, उनके अनुसार जोशीमठ के नीचे कठोर चट्टान नहीं है और इसलिए वहां भू धंसाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि जिन शहरों के नीचे कठोर चट्टानें हैं, वहां जमीन धंसने की समस्या नहीं होती है। संधु ने कहा कि 1976 में भी जोशीमठ में थोड़ी जमीन धंसने की बात सामने आयी थी।

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जांच में लगी विभिन्न संस्थान

Landslide natural disaster in Joshimath : उन्होंने कहा कि जोशीमठ में पानी निकलने के बारे में पता करने के लिए विभिन्न संस्थान जांच में लगे हैं। संधु ने कहा कि विशेषज्ञ जोशीमठ में सभी पहलुओं का अध्ययन कर रहे हैं और उनकी रिपोर्ट आने के बाद यह मामला राज्य मंत्रिमंडल के सामने रखा जाएगा और उसके आधार पर ही कोई निर्णय किया जाएगा।

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Landslide natural disaster in Joshimath : उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्थानों को जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है और उन सभी की रिपोर्ट के अध्ययन के लिए एक समिति बनायी जाएगी जो अपना निष्कर्ष देगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसरो की तरफ से सरकार को भूधंसाव के बारे में कोई अधिकृत रिपोर्ट अभी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि सभी पर्वतीय शहरों का अध्ययन किया जाएगा क्योंकि वहां भूस्खलन की समस्या ज्यादा सामने आती है।

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