लड्डू विवाद: टीटीडी ने कहा, घी आपूर्तिकर्ताओं ने जांच सुविधाओं की कमी का फायदा उठाया |

लड्डू विवाद: टीटीडी ने कहा, घी आपूर्तिकर्ताओं ने जांच सुविधाओं की कमी का फायदा उठाया

लड्डू विवाद: टीटीडी ने कहा, घी आपूर्तिकर्ताओं ने जांच सुविधाओं की कमी का फायदा उठाया

:   Modified Date:  September 20, 2024 / 05:05 PM IST, Published Date : September 20, 2024/5:05 pm IST

तिरुपति (आंध्र प्रदेश), 20 सितंबर (भाषा) तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में प्रसाद में दिये जाने वाले लड्डुओं में ‘पशु चर्बी’ को लेकर उठे विवाद के बीच तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने शुक्रवार को कहा कि मंदिर निकाय को घी आपूर्ति करने वालों ने आंतरिक मिलावट जांच सुविधा की कमी का फायदा उठाया और बाहरी सुविधाओं का भी उपयोग नहीं किया।

टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी जे श्यामल राव ने बताया कि प्रयोगशाला परीक्षणों में चयनित नमूनों में पशु चर्बी और लार्ड (सूअर की चर्बी) की मौजूदगी का पता चला है।

मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के इस दावे कि लड्डू बनाने के लिए पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया, के बाद तिरुपति लड्डू (पवित्र प्रसाद) बनाने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे घी की गुणवत्ता पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कार्यकारी अधिकारी ने कहा कि घी की गुणवत्ता में भारी गिरावट आई है।

उन्होंने कहा, “गुणवत्ता की कमी का कारण आंतरिक प्रयोगशाला का न होना, नमूनों को परीक्षण के लिए बाहर की प्रयोगशालाओं में भेजना और अव्यवहारिक दरें हैं।”

राव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि आपूर्तिकर्ताओं ने इन कमियों का फायदा उठाया।

टीटीडी इस लोकप्रिय पहाड़ी मंदिर का प्रबंधन करता है, जहां साल भर लाखों श्रद्धालु आते हैं।

राव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने पहले ही लड्डू बनाने में पशु चर्बी का इस्तेमाल किये जाने की शिकायत मिलने का जिक्र किया था।

इसके बाद, आपूर्तिकर्ताओं को खराब गुणवत्ता वाला घी उपलब्ध कराने पर काली सूची में डालने की चेतावनी दी गई। बाद में, घी से भरे चार ट्रकों की गुणवत्ता अच्छी नहीं पाए जाने पर घी के नमूने जांच के लिए भेजे गए।

राव ने बताया कि प्रयोगशाला परीक्षण से पता चला कि नमूने में ‘लार्ड’ (सुअर की चर्बी) की भी मिलावट थी।

उन्होंने कहा, “चारों नमूनों की रिपोर्ट में एक जैसे नतीजे आए। इसलिए हमने तुरंत आपूर्ति रोक दी। ठेकेदार को काली सूची में डालने के साथ ही जुर्माना लगाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। अब कानूनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी।”

इस बीच चेन्नई में तिरुपति बालाजी मंदिर को घी की आपूर्ति करने वाली कंपनी ‘आर डेरी’ ने कहा कि उनके उत्पाद के नमूनों को अधिकारियों ने गुणवत्ता प्रमाणित करते हुए मंजूरी दी।

डिंडीगुल स्थित कंपनी के प्रवक्ताओं ने संवाददाताओं को बताया कि केवल जून और जुलाई माह के दौरान ही उन्होंने तिरुमाला भगवान वेंकटेश्वरस्वामी मंदिर को घी की आपूर्ति की थी।

यहां तक ​​कि जब तिरुपति मंदिर को घी की आपूर्ति की गई थी, तो उसे विधिवत मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला रिपोर्ट के साथ भेजा गया था।

एक प्रवक्ता ने कहा, “इसमें कोई भी विचलन नहीं हुआ है।”

उनकी कंपनी उन कई विक्रेताओं में से एक थी, जिन्होंने टीटीडी को घी की आपूर्ति की थी और उनके साथ गुणवत्ता प्रमाणपत्र साझा किए गए थे।

प्रवक्ता ने कहा, “हमारा घी अब तिरुपति मंदिर नहीं भेजा जा रहा है। हम नहीं भेजते।” उन्होंने कहा कि उनके उत्पाद सभी स्थानों पर उपलब्ध हैं और इनकी गुणवत्ता की जांच की जा सकती है।

भाषा

प्रशांत नरेश

नरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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