लद्दाख को दुनिया की सबसे ऊंची एमएसीई वेधशाला मिली |

लद्दाख को दुनिया की सबसे ऊंची एमएसीई वेधशाला मिली

लद्दाख को दुनिया की सबसे ऊंची एमएसीई वेधशाला मिली

:   Modified Date:  October 10, 2024 / 05:41 PM IST, Published Date : October 10, 2024/5:41 pm IST

लेह/जम्मू, 10 अक्टूबर (भाषा) केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को ‘मेजर एटमॉस्फेरिक चेरेनकोव एक्सपेरीमेंट’ (एमएसीई) वेधशाला मिली है, जो दुनिया की सबसे ऊंची ‘इमेजिंग चेरेनकोव’ दूरबीन है और यह हान्ले में 4,300 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है।

यह वेधशाला अंतरिक्ष और ब्रह्मांडीय किरण अनुसंधान क्षमताओं में भारत की प्रगति को रेखांकित करती है।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के सचिव और परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष डॉ. अजीत कुमार मोहंती ने यहां एमएसीई वेधशाला का आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया।

उन्होंने बताया कि इसका निर्माण भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और अन्य भारतीय उद्योग भागीदारों के सहयोग से स्वदेशी रूप से किया गया है। उनके मुताबिक, एमएसीई एशिया का सबसे बड़ा ‘इमेजिंग चेरेनकोव’ टेलीस्कोप है।

उद्घाटन समारोह डीएई के प्लेटिनम जुबली (70वीं वर्षगांठ) समारोह के तहत आयोजित किया गया।

हान्ले डार्क स्काई रिजर्व (एचडीएसआर) में पर्यटन और वैज्ञानिक गतिविधियों के बीच संतुलन के महत्व पर बात करते हुए, अतिरिक्त सचिव अजय रमेश सुले ने छात्रों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

बीएआरसी के भौतिक विज्ञान समूह के निदेशक डॉ. एस एम यूसुफ ने अंतरिक्ष और ब्रह्मांडीय किरण अनुसंधान में भारत की क्षमताओं को आगे बढ़ाने में एमएसीई दूरबीन के महत्व को रेखांकित किया।

डॉ. मोहंती ने बताया कि एमएसीई टेलीस्कोप उच्च ऊर्जा वाली गामा किरणों का अवलोकन करेगा जिससे यह ब्रह्मांड में सर्वाधिक ऊर्जावान परिघटनाओं, जैसे अधिनव तारा (सुपरनोवा), कृष्ण विवर (ब्लैक होल) और गामा-किरणों के विस्फोटों को समझने के वैश्विक प्रयासों में मदद करेगी।

भाषा नोमान माधव

माधव

 

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