आप्रवास विधेयक में संतुलन का अभाव, संयुक्त समिति को भेजा जाए: कांग्रेस |

आप्रवास विधेयक में संतुलन का अभाव, संयुक्त समिति को भेजा जाए: कांग्रेस

आप्रवास विधेयक में संतुलन का अभाव, संयुक्त समिति को भेजा जाए: कांग्रेस

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Modified Date: March 27, 2025 / 02:56 PM IST
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Published Date: March 27, 2025 2:56 pm IST

नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) कांग्रेस ने आप्रवास से संबंधित एक विधेयक का विरोध करते हुए बृहस्पतिवार को लोकसभा में कहा कि इसमें संतुलन का अभाव है और कानून बनने के बाद इसका दुरुपयोग होने की प्रबल आशंका है।

पार्टी सांसद मनीष तिवारी ने ‘आप्रवास और विदेशियों विषयक, 2025 विधेयक’ पर चर्चा की शुरुआत करते हुए सरकार से आग्रह किया कि इस विधेयक को संसद की संयुक्त समिति के पास भेजा ताकि एक समग्र और संतुलित विधेयक पेश हो।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने स्वतंत्रता की लड़ाई क्यों लड़ी थी? क्या यह सिर्फ सत्ता परिवर्तन के लिए थी? नहीं। यह कुछ मूल्यों और सिद्धांतों के लिए थी। ’’

उनका कहना था कि जब कोई विधेयक लाया जाए तो यह सुनिश्चित किया जाए कि उसका मौलिक अधिकारों पर असर नहीं हो।

तिवारी ने कहा कि विदेशियों के आगमन को नियंत्रित करना और घुसपैठ को रोकना जरूरी है, लेकिन नागरिकों के अधिकारों के साथ संतुलन बनाने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि इस विधेयक के माध्यम से सरकार को बहुत शक्ति दी जा रही है और उससे कानून का दुरुपयोग होने की आशंका बढ़ जाती है।

कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘अगर कोई सत्तापक्ष की विचारधारा से इत्तेफाक नहीं रखता तो क्या उसके खिलाफ इस कानून का दुरुपयोग नहीं हो सकता है?’’

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि अतीत में ऐसी बाते हुई हैं और किसान आंदोलन के समय कुछ लोगों को भारत आने से रोका गया, लेकिन बाद में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में उन्हीं लोगों को बुलाकर सम्मानित किया गया।

तिवारी ने कहा कि इस प्रस्तावित कानून में सुरक्षा के उपाय करने की जरूरत है।

उन्होंने कुछ देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां अपील करने का माध्यम प्रदान किया गया, लेकिन इस विधेयक में ऐसा कोई जरिया नहीं दिया गया।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि अपील की प्रक्रिया को संस्थागत बनाने के प्रावधान की जरूरत है।

तिवारी ने कहा, ‘‘विधेयक में जो संतुलन होना चाहिए, वह इस विधेयक में नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि इस विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा जाए ताकि संतुलन बनाकर विधेयक पेश किया जा सके।

भाषा हक हक वैभव

वैभव

 

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