जयपुर: राजस्थान के एजुकेशन हब कोटा में पिछले कुछ समय से आत्महत्या के मामलों में इजाफा हुआ है। यहाँ सुसाइड करने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स है, जो कोचिंग के सिलसिले में यहाँ रह रहे थे। एक आंकड़े के मुताबिक़ पिछले आठ महीनो में ही बीस के करीब स्टूडेंट्स ने कोटा में अपनी इहलील ख़त्म कर ली है। वही ज्यादातर छात्रों ने किन वजहों से मौत को गले लगाया यह भी साफ़ नहीं है। लगातार हो रही मौतों की वजह जहां पढ़ाई और कोचिंग के दबाव को बताया जा रहा है तो दूसरी तरफ सरकार पर भी सवाल उठ रहे है। (Kota me Student ne kiya Suicide) पूछा जा रहा है कि इतने सुसाइड के बाद भी आखिर स्टूडेंट्स को खुदखुशी से रोकने के लिए सरकार क्या प्रयास कर रही है।
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सरकार की आलोचना के बीच अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान सामने आया है। उन्होंने भी छात्रों के इस तरह के फैसलों पर दुःख जताया है। सीएम ने स्टूडेंट्स से नाकामी के डर या पढ़ाई के दबाव में आकर किसी भी तरह के गलत कदम नहीं उठाने की अपील की है। सीएम ने इस बारे में बात करते हुए खुद का भी किस्सा सुनाया है।
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उन्होंने कहा यह चिंता का विषय है कि कोटा में पिछले आठ महीनों में 20 छात्रों ने आत्महत्या कर ली। मैं खुद बचपन में डॉक्टर बनना चाहता था, रात में 2-3 बजे तक पढ़ाई करता था, लेकिन मैं कामयाब नहीं हुआ। (Kota me Student ne kiya Suicide) हालांकि मैंने हिम्मत नहीं हारी। मैंने अपना रास्ता बदला, सामाजिक कार्यकर्ता बना, राजनीति में आया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आज राजधानी जयपुर में राज्य स्तरीय ‘युवा महापंचायत’ के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे।
#WATCH यह चिंता का विषय है कि कोटा में पिछले आठ महीनों में 20 छात्रों ने आत्महत्या कर ली। मैं खुद बचपन में डॉक्टर बनना चाहता था, रात में 2-3 बजे तक पढ़ाई करता था, लेकिन मैं कामयाब नहीं हुआ। हालांकि मैंने हिम्मत नहीं हारी। मैंने अपना रास्ता बदला, सामाजिक कार्यकर्ता बना, राजनीति… pic.twitter.com/DNPFogW2SV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 12, 2023
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