(सुदीप्तो चौधरी)
कोलकाता, 18 जून (भाषा) सुभाजीत (31) ने सोमवार को बेटी सृष्टि का 11वां जन्मदिन मनाने के लिए सिलीगुड़ी से कोलकाता अपने घर जल्दी लौटने की योजना बनाई थी और सभी तैयारियां हो चुकी थीं, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
सृष्टि के पिता सुभाजीत माली घर नहीं लौटे और उनकी मृत्यु की खबर आयी। राज्य के उत्तरी भाग में न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन के पास रंगापानी में हुई रेल दुर्घटना में सुभाजीत की मौत हो गई।
सुभाजीत ने कंचनजंघा एक्सप्रेस में चढ़ने से पहले अपनी बेटी से वीडियो कॉल पर बात की थी और उससे वादा किया था कि वह उसके लिए जन्मदिन का केक ले कर आयेंगे और पूरे परिवार- अपने बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और दो बच्चों- को जन्मदिन के मौके पर बाहर ले जाएगा।
अपनी बेटी को ‘मां’ कहते हुए, सुभाजीत ने अपनी आखिरी बातचीत के दौरान अपनी बेटी सृष्टि से कहा था कि ”मैं किसी भी कीमत पर घर वापस आऊंगा… चिंता मत करो।”
दक्षिण कोलकाता के एक स्कूल में कक्षा पांच की छात्रा सृष्टि भी अपने परिवार के अन्य सदस्यों की तरह यह स्वीकार नहीं कर पा रही है कि उसके पिता कभी जीवित घर नहीं लौटेंगे।
कोलकाता के बल्लीगंज इलाके में जमीर लाइन के निवासी सुभाजीत शुक्रवार को ऑफिस के कुछ काम से सिलीगुड़ी गए थे।
मृतक की रिश्तेदार प्रिया प्रधान ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘उन्हें कुछ दिनों बाद लौटना था, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी के जन्मदिन के कारण सोमवार को ट्रेन पकड़ी। इसी संस्था में काम करने वाले उनके एक सहकर्मी सूर्यशेखर पंडा भी सिलीगुड़ी गए थे। कल सुबह दुर्घटना के बाद उन्होंने घर पर किसी और के फोन नंबर से फोन करके यह खबर दी।’’
प्रधान ने कहा कि सुभाजीत, जिनका एक डेढ़ साल का एक बेटा भी है अपनी नौकरी के सिलसिले में अक्सर देश के उत्तरी राज्यों में जाते थे। वह वहां कारों के उपकरण ले जाते थे। वह पिछले पांच सालों से इस काम में थे। वह सड़क मार्ग से घर लौटते थे, लेकिन इस बार उन्होंने ट्रेन ली क्योंकि उन्हें सृष्टि के जन्मदिन की वजह से वापस आने की जल्दी थी।
सुभाजीत के बुजुर्ग पिता का रो-रोकर बुरा हाल है।
उन्होंने कहा, ”मुझे नहीं पता कि क्या कहना है! भगवान को मेरे बेटे की जगह मुझे ले लेना चाहिए था… अब उनके बच्चों की देखभाल कौन करेगा।”
उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से अपनी बहू के लिए मदद करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ”मैं किसी से कोई पैसा नहीं लूंगा, लेकिन मैं हमारी मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि वे देखें कि क्या मेरी बहू के लिए कुछ किया जा सकता है। हो सकता है कि उसे राज्य सरकार के किसी विभाग में नौकरी मिल जाए।”
न्यू जलपाईगुड़ी के निकट मालगाड़ी की टक्कर लगने के बाद कंचनजंघा एक्सप्रेस के तीन पिछले डिब्बे पटरी से उतर गए थे और इस हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई अन्य घायल हो गए थे।
भाषा रवि कांत रंजन
रंजन
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