नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) कोलकाता की एक विशेष अदालत ने बैंक ऋण धोखाधड़ी मामले में भगोड़ा घोषित किए गए एक व्यक्ति और कुछ अन्य की 24 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
पश्चिम बंगाल के कोलकाता और तमिलनाडु के तिरुपुर के प्रमुख इलाको में मौजूद ये चल और अचल संपत्तियां ‘‘मुख्य साजिशकर्ता’’ पुष्पेश कुमार बैद और उसके सहयोगियों की हैं।
संघीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि बैद को तीन जनवरी को उसी अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम (एफईओए) के तहत अपराधी घोषित किया था।
बैद और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की कई प्राथमिकी और आरोप-पत्र से संबद्ध है। बताया जाता है कि वह इन दिनों अमेरिका में रह रहा है।
ईडी का आरोप है कि बैद, अदालत द्वारा उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए जाने के बावजूद कानूनी कार्यवाही से ‘‘अनुपस्थित’’ रहा।
एजेंसी ने कहा, ‘‘पुष्पेश कुमार बैद के स्वामित्व वाली और उसके नियंत्रण वाली कई कंपनियों ने गलत वित्तीय विवरण और कई भूखंड तथा फ्लैट के जाली दस्तावेज जमा करके बैंकों से ऋण लिया और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), देना बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक और इलाहाबाद बैंक को 183 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया।’’
उसने कहा कि आरोपी ने अपने कर्मचारियों और सहयोगियों की कंपनियों के नाम पर खोले गए बैंक खातों के माध्यम से ऋण राशि को दूसरी जगह इस्तेमाल किया।
ईडी ने कहा कि बैद और अन्य आरोपियों के खिलाफ फरवरी 2022 में धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप-पत्र दायर किया गया था।
भाषा खारी सुरेश
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