'Agneepath Scheme'
Agneepath scheme : सेना में भर्ती के लिए ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है। देश के 13 राज्यों में हुई हिंसा के बाद कई रेलवे स्टेशनों को फूंका गया। कई ट्रेनों में आग लगाई गई। विरोध की आग बिहार से शुरू होकर, यूपी, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत देश के 13 से अधिक राज्यों में क्यों भड़की? आखिर देश क्यों जल रहा है? यहां तक की 20 जून को भारत बंद का ऐलान किया गया है। आखिर इस योजना को लेकर देश की सियासत क्यों गरमाई हुई है? भारतीय रेलवे ने 800 से अधिक ट्रेनों को क्यों रद्द कर दिया ? देश की राजनीति क्यों गरमाई हुई है? युवा इतने आक्रोशित क्यों हैं? इस योजना में ऐसे क्या मापदंड हैं ? जिससे युवा घबराया हुआ है। आरोप तो ये भी है कि इस प्रदर्शन को कुछ कोचिंग संचालकों ने भड़काया है।
खैर… इस रिपोर्ट में हम ये जानेंगे कि इस योजना को लेकर सेना के अधिकारी, राजनीतिक जगत के मुख्य हस्तियों, समाजसेवियों, छात्रों और युवा जगत की क्या राय है। वे इस योजना पर क्या क्या कहते हैं…
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Agneepath scheme : दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान प्रियंका गांधी केंद्र सरकार पर जमकर बरसीं। उन्होंने कहा, ‘हरिवंश राय जी की कविता का नाम इस स्कीम (अग्निपथ) को दिया गया जो इस देश के नवयुवकों को मार डालेगा। ये ऐसी स्कीम है जो सेना को खत्म कर देगी। लोकतांत्रिक तरीके से, शांतिपूर्वक तरीके से इस सरकार को खत्म कीजिए।’
अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ‘मोदी सरकार देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है। 4 साल के लिए क्या सिखेगा कोई? आप झूठ बोल रहे हैं। प्रधानमंत्री से कहूंगा खिलवाड़ मत करिए। आप ने नोटबंदी की, 50 लाख लोगों की नौकरी चली गई। आप ने रातों-रात गलत लॉकडाउन किया, लाखों लोग परेशान हो गए। आज आप नौजवानों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।’
केंद्रीय मंत्री एवं सेना के पूर्व प्रमुख जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) ने प्रदर्शनकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि अगर उन्हें सशस्त्र बलों में भर्ती की नई नीति पसंद नहीं है तो वे सशस्त्र बलों में शामिल न हों और इसके लिए कोई बाध्यता नहीं है। भारतीय सेना जबरदस्ती सैनिकों की भर्ती नहीं करती है और इच्छुक आकांक्षी अपनी मर्जी से इसमें शामिल हो सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सेना में शामिल होना स्वैच्छिक है और यह कोई मजबूरी नहीं है. अगर कोई आकांक्षी शामिल होना चाहता है, तो वह अपनी इच्छा के अनुसार शामिल हो सकता है, हम सैनिकों की जबरदस्ती भर्ती नहीं करते हैं. लेकिन अगर आपको यह भर्ती योजना (अग्निपथ) पसंद नहीं है तो इसमें (शामिल होने) के लिए नहीं आएं. आपको आने के लिए कौन कह रहा है?”
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर कहा है कि योजना को लेकर युवाओं के मन में काफी शंकाएं हैं और इसे वापस लिया जाना चाहिए। सवाल किया कि क्या यह शिक्षित युवाओं के लिए मनरेगा जैसी योजना है या फिर इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का कोई ”गुप्त एजेंडा” है। यादव ने युवाओं से योजना के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की है।
कांग्रेस ने नेता सचिन पायलट ने कहा कि ‘‘इसका विपक्ष से कोई लेना-देना नहीं है। यह युवा लोगों की असल शिकायत है। सरकार को उनकी आवाज सुननी चाहिए और निर्णय लेने तथा समीक्षा एवं संशोधन करने में हठ नहीं दिखाना चाहिए। फिलहाल सरकार को इसे (अग्निपथ योजना) वापस ले लेना चाहिए।’’ आगे कहा कि केंद्र सरकार से ‘हठ’ न दिखाने और नयी सैन्य भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ को व्यापक विचार-विमर्श के लिए तत्काल वापस लेने की अपील की।