नई दिल्ली । टेरर फंडिग के मामलें में जेकेएलएफ के नेता यासीन मलिक को कोर्ट कड़ी सजा सुना सकती है। देश का एक बड़ा वर्ग यासीन को सजाए मौत देने की मांग कर रहा हैं। उस पर कई गंभीर आरोप लगे है। सोशल मीडिया में एक बड़ा वर्ग यासीन के प्रति काफी ज्यादा आक्रोशित है। वहीं पाकिस्तान तो सीधे सीधे भारत पर कई आरोप लगा रहा है। पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान से लेकर क्रिकेटर शाहिद अफरीदी भारत के खिलाफ खुल जहर घोल रहे है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि, ‘यासीन मलिक भारत अधिकृत जम्मू-कश्मीर में हुर्रियत नेताओं में सबसे प्रमुख और सम्मानित आवाज है। और कई दशकों के भारतीय उत्पीड़न के खिलाफ हुर्रियत नेता के दृढ़ संकल्प को न्याय के ऐसे उपहास से नहीं हिलाया जा सकता है’।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
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वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी यासीन मलिक को सजा मिलने के बाद मातम मना रहे है। शहबाज शरीफ ने तो पूरी दुनिया से मोदी सरकार को रोकने की अपील कर डाली। पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी भी यासीन मलिक के समर्थन में उतर गये और उन्होंने कहा कि, भारत में मानवाधिकार के लिए बोलने वाली आवाजों को खामोश किया जा रहा है। ऐसे में यह जानना जरुरी है कि आखिर ये यासीन मलिक कौन है जिसे बचाने के लिए पूरा का पूरा पाकिस्तान भारत पर हमला कर रहा हैं।
3 अप्रैल 1966 को जन्में यासीन एक अलगवादी नेता है जो देश को हिंसा की आग में झोकने का काम करते है। यासीन ने 80 के दशक में ‘ताला पार्टी का गठन किया। इस पार्टी के जरिए ही उसने कश्मीर में नफरत के बीज बोए। यासीन ने आगे चलकर अपने पार्टी का नाम बदला और आतंकियों को पनाह दी। अधिक से अधिक युवाओं को अपने संगठन में शामिल करने के लिए उसने1986 में अपनी पार्टी का नाम बदलकर इस्लामिक स्टूडेंट्स लीग (ISL) रख दिया। जिसका सीधा सा लक्ष्य था युवाओं को जोड़कर संगठन को मजबूत करना और घाटी में नफरत की चिंगारी को हवा देकर कश्मीर को भारत से अलग करना। यासीन के संगठन में कई आतंकी शामिल थे, इनमें जावेद मीर, अशफाक मजीद वानी और अब्दुल हमीद शेख जैसे दहशतगर्दों के नाम हैं।
अलगाववादी नेता यासीन मलिक पर 2019 में केंद्र ने JKLF पर प्रतिबंध लगा दिया था। मलिक पर 1990 में एयरफोर्स के 4 जवानों की हत्या का आरोप है। इस मामले में मलिक समेत 6 पर आरोप भी तय हो चुके हैं। वायुसेना के जवानों पर यह हमला 25 जनवरी 1990 को हुआ था। तब ये जवान श्रीनगर में एयरपोर्ट जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे. यासीन मलिक ने इस साजिश को रचा था, ऐसा आरोप लगा। मलिक पर तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद की किडनैपिंग और आतंकी हमले में शामिल होने का आरोप है। इस मामले में यासीन मलिक के साथ दो दर्जन और लोग आरोपी थे।
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कश्मीर के ऊपरी इलाकों में हल्का हिमपात
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