गणतंत्र दिवस पर हिंसा : दिल्ली पुलिस का 20 किसान नेताओं को लुकआउट नोटिस, पासपोर्ट कराने होंगे जमा | Violence on Republic Day: Delhi Police issues notices to 20 farmer leaders

गणतंत्र दिवस पर हिंसा : दिल्ली पुलिस का 20 किसान नेताओं को लुकआउट नोटिस, पासपोर्ट कराने होंगे जमा

गणतंत्र दिवस पर हिंसा : दिल्ली पुलिस का 20 किसान नेताओं को लुकआउट नोटिस, पासपोर्ट कराने होंगे जमा

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 PM IST
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Published Date: January 28, 2021 8:02 am IST

नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) दिल्ली पुलिस ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा को लेकर योगेंद्र यादव और बलबीर सिंह राजेवाल समेत 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है और पूछा है कि उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को इस बारे में बताया।

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एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने इन किसान नेताओं से तीन दिन में अपना जवाब देने के लिए कहा है। उन्होंने बताया कि किसान नेताओं को यह नोटिस इसलिए जारी किया गया है क्योंकि उन्होंने मंगलवार को ट्रैक्टर परेड के लिए तय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया।

दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई से एक दिन पहले बुधवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव ने आरोप लगाया था कि 26 जनवरी की हिंसा में किसान नेता शामिल थे और उन्होंने चेतावनी दी थी कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने योगेंद्र यादव समेत 20 किसान नेताओं को नोटिस जारी किया है। इन सभी से तीन दिन के भीतर जवाब मांगा गया है।’’

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पुलिस ने बुधवार को अन्य किसान नेता दर्शनपाल को नोटिस जारी किया था और कहा था कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले में तोड़फोड़ ‘‘सबसे अधिक निंदनीय और देश विरोधी कृत्य’’ है।

इस बीच दिल्ली पुलिस गणतंत्र दिवस पर हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकियों में नामजद किसान नेताओं के खिलाफ ‘लुक आउट’ परिपत्र जारी करेगी।

अधिकारियों ने कहा कि प्राथमिकियों में नामजद किसान नेताओं को अपना पासपोर्ट सौंपने के लिए कहा जाएगा।

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गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंगलवार से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ हुई कई बैठकों के बाद यह फैसला किया गया है। राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को ही किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान व्यापक हिंसा हुई थी।

गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की ट्रैक्टर परेड का लक्ष्य कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग करना था। दिल्ली पुलिस ने राजपथ पर समारोह समाप्त होने के बाद तय रास्ते से ट्रैक्टर परेड निकालने की अनुमति दी थी, लेकिन हजारों की संख्या में किसान समय से पहले विभिन्न सीमाओं पर लगे अवरोधकों को तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश कर गए। कई जगह पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई और पुलिस को लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा। प्रदर्शनकारी लाल किले में भी घुस गए और वहां ध्वज स्तंभ पर धार्मिक झंडा लगा दिया था।

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दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा और तोड़-फोड़ की घटना के संबंध में 25 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं। इस हिंसा में दिल्ली पुलिस के 394 कर्मी घायल हुए हैं।

 
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