Kiren Rijiju Statement: 'संविधान को इस तरह से रौंदने, ध्वस्त करने की अनुमति फिर नहीं दी जाएगी..', केंद्रीय मंत्री ने दिया करारा जवाब |Kiren Rijiju Statement

Kiren Rijiju Statement: ‘संविधान को इस तरह से रौंदने, ध्वस्त करने की अनुमति फिर नहीं दी जाएगी..’, केंद्रीय मंत्री ने दिया करारा जवाब

Kiren Rijiju Statement: 'संविधान को इस तरह से रौंदने, ध्वस्त करने की अनुमति फिर नहीं दी जाएगी..', केंद्रीय मंत्री ने दिया करारा जवाब

Edited By :   Modified Date:  June 26, 2024 / 03:27 PM IST, Published Date : June 26, 2024/3:27 pm IST

नई दिल्ली। आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के एक दिन बाद भी इस पर बयानबाजी का सिलसिला थमा नहीं है। लगातार बीजेपी के दिग्गज कांग्रेस द्वारा लगाए गए आपातकाल पर निशाना साध रहे हैं। इसी बीच केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, कि “26 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई और बाद में इसकी पुष्टि की, प्रधानमंत्री ने अकेले ही निर्णय लिया था। इसलिए आज हमने सदन में प्रस्ताव पारित किया है कि संविधान को इस तरह से रौंदने, ध्वस्त करने की अनुमति फिर नहीं दी जाएगी। इसलिए हमने एक संकल्प लिया है।”

#WATCH दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “…26 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई और बाद में इसकी पुष्टि की, प्रधानमंत्री ने अकेले ही निर्णय लिया…इसलिए आज हमने सदन में प्रस्ताव पारित किया है कि संविधान को इस तरह से रौंदने,… pic.twitter.com/GwXzB5iP1z

— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 26, 2024

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बता दें कि ओम बिरला दूसरी बार लोकसभा के अध्यक्ष यानी स्पीकर चुने गए है। आज सुबह ध्वनि मत से उनका चुनाव हुआ जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उन्हें आसन तक पहुंचाकर उनका अभिवादन किया। ओम बिरला ने सांसदों को संबोधित किया और सबसे पहले इमरजेंसी का जिक्र करते हुए कांग्रेस की पूर्ववर्ती इंदिरा सरकार पर निशाना साधा और आपातकाल की बात छेड़ दी।

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ओम बिरला ने कहा कि ऐसे भारत पर इंदिरा गांधी ने तानाशाही थोपी थी। भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचला गया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटा गया। इमरजेंसी के दौरान भारत के नागरिकों के अधिकार नष्ट कर दिए गए। नागरिकों से उनकी आजादी छीन ली गई। ये वो दौर था जब विपक्ष के नेताओं को जेलों में बंद कर दिया गया, पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया था। वहीं, ओम बिरला द्वारा किए गए इमरजेंसी के जिक्र पर पीएम मोदी ने भी एक्स पर पोस्ट किया।

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पीएम मोदी ने कहा, कि मुझे खुशी है कि माननीय अध्यक्ष ओम बिरला ने आपातकाल की कड़ी निंदा की, उस दौरान की गई ज्यादतियों को उजागर किया और यह भी बताया कि किस तरह से लोकतंत्र का गला घोंटा गया। उन दिनों में पीड़ित सभी लोगों के सम्मान में मौन खड़े होना भी एक अद्भुत भाव था। आपातकाल 50 साल पहले लगाया गया था, लेकिन आज के युवाओं के लिए इसके बारे में जानना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इस बात का एक उपयुक्त उदाहरण है कि जब संविधान को रौंदा जाता है, जनमत को दबाया जाता है और संस्थाओं को नष्ट किया जाता है तो क्या होता है। आपातकाल के दौरान की घटनाओं ने एक तानाशाही का उदाहरण दिया।