गोंडा : उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की एक अदालत ने एक किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में एक युवक और उसकी मां को शनिवार को दोषी करार दिया। अदालत ने युवक को 14 साल के सश्रम कारावास और 17 हजार रुपये के जुर्माने, जबकि मां को तीन साल के कारावास और पांच हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।
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विशेष लोक अभियोजक अशोक कुमार सिंह और सुनील कुमार मिश्र ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) चंद्र मोहन चतुर्वेदी की अदालत ने यह फैसला दिया। घटना का ब्योरा देते हुए उन्होंने बताया कि गोंडा में कौड़िया थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले व्यक्ति ने तहरीर देकर कहा था कि 12 अक्तूबर 2016 की रात को कन्हैया नामक एक युवक उसकी बेटी (15) को बहला-फुसलाकर भगा ले गया। व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि उसकी बेटी अपने साथ 70 हजार रुपये के जेवर और सात हजार रुपये नकदी भी ले गई है।
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सिंह ने बताया कि तहरीर के आधार पर स्थानीय पुलिस ने अभियोग दर्ज कर मामले की जांच शुरू की थी। साक्ष्य जुटाने के बाद पुलिस ने आरोपी कन्हैया, उसके पिता जसवंत लाल व मां श्यामा देवी के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था।
सुनवाई के दौरान अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम) चंद्र मोहन चतुर्वेदी ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों पर गौर फरमाते हुए अभियोजन व बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीलें सुनने के बाद आरोपी कन्हैया व उसकी मां श्यामा देवी को दोषी करार दिया, जबकि आरोपी जसवंत को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। सिंह के मुताबिक, जुर्माने की राशि अदा न किए जाने पर दोषियों को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। उन्होंने बताया कि सुनवाई के दौरान दोषियों द्वारा जेल में बिताई गई अवधि सजा की अवधि में समायोजित की जाएगी।