केशुभाई ‘पितातुल्य’ थे, उनका जाना ऐसी क्षति जो कभी पूरी नहीं हो पाएगी: मोदी | Keshubhai was 'Pitasequivalent', his loss will never be fulfilled: PM Modi

केशुभाई ‘पितातुल्य’ थे, उनका जाना ऐसी क्षति जो कभी पूरी नहीं हो पाएगी: मोदी

केशुभाई ‘पितातुल्य’ थे, उनका जाना ऐसी क्षति जो कभी पूरी नहीं हो पाएगी: मोदी

Edited By :  
Modified Date: November 29, 2022 / 08:08 PM IST
,
Published Date: October 29, 2020 12:27 pm IST

नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल को ‘‘पितातुल्य’’ बताया और उनके निधन पर गहरा शोक प्रकट करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि पटेल का जाना उनके लिए ऐसी क्षति है, जो कभी पूरी नहीं हो पाएगी।

मोदी ने पहले ट्वीट कर और फिर एक वीडियो के जरिए केशुभाई के निधन पर शोक संदेश जारी किया तथा कहा कि उनका जीवन राज्य के विकास और हर गुजराती के सशक्तीकरण के लिए समर्पित रहा।

गुजरात में भाजपा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले केशुभाई का बृहस्पतिवार को अहमदाबाद के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार थे।

हाल ही में वह कोविड-19 से उबरे थे। बृहस्पतिवार की सुबह स्वास्थ्य संबंधी कुछ परेशानियों के चलते उन्हें अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।

मोदी ने कहा, ‘‘आज देश का, गुजरात की धरती का एक महान सपूत हम सभी से बहुत दूर चला गया है। हम सभी के प्रिय, श्रद्धेय केशुभाई पटेल जी के निधन से मैं दुखी हूं, स्तब्ध हूं। केशुभाई का जाना मेरे लिए किसी पितातुल्य के जाने की तरह है। उनका निधन मेरे लिए ऐसी क्षति है, जो कभी पूरी नहीं हो पाएगी।’’

उन्होंने कहा कि केशुभाई एक विराट व्यक्तित्व के धनी थे। उनके व्यवहार में जहां सौम्यता थी वहीं फैसले लेने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति उनकी बहुत बड़ी खासियत थी।

मोदी ने कहा, ‘‘उन्होंने अपने जीवन का प्रतिपल समाज के लिए, समाज के हर वर्ग की सेवा के लिए समर्पित कर दिया था। उनका हर कार्य गुजरात के विकास के लिए रहा, उनका हर फैसला प्रत्येक गुजराती को सशक्त करने के लिए रहा।’’

उन्होंने केशुभाई के पुत्र भरत से फोन पर बातचीत की और अपनी संवादनाएं प्रकट कीं। उन्होंने कहा कि केशुभाई ने उनके जैसे कई युवा कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया और उन्हें तैयार किया।

केशुभाई 92 वर्ष के थे। वह 1995 और फिर 1998 से 2001 के बीच राज्य के मुख्यमंत्री रहे। उनके बाद नरेन्द्र मोदी राज्य के मुख्यमंत्री बने थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि केशुभाई ने उनके जैसे अनेक साधारण कार्यकर्ताओं को बहुत कुछ सिखाया और उनका हमेशा मार्गदर्शन किया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी वह निरंतर उनके संपर्क में रहे और गुजरात जाने पर उन्हें जब भी अवसर मिला वह उनका आशीर्वाद लेने जरूर गए।

उन्होंने कहा कि केशुभाई के लिए किसानों का कल्याण सर्वोपरि था और अपनी योजनाओं या फैसलों में उन्होंने किसानों के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी।

उन्होंने कहा, ‘‘गांव, गरीब, किसान के जीवन को आसान बनाने के लिए उन्होंने जो काम किया है, राष्ट्रभक्ति और जनभक्ति के जिन आदर्शों को लेकर वो जीवन भर चले, वो पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा और जन संघ को मजबूत करने के लिए केशुभाई ने पूरे गुजरात का भ्रमण किया और उन्होंने आपातकाल का पुरजोर विरोध किया।

उन्होंने कहा, ‘‘केशुभाई गुजरात के रंग-रंग और रग-रग से परिचित थे। उन्होंने जनसंघ और भाजपा को गुजरात के हर क्षेत्र में पहुंचाया, हर क्षेत्र में मजबूत किया।’’

पटेल छह बार गुजरात विधानसभा के सदस्य रहे। साल 2012 में भाजपा छोड़ने के बाद उन्होंने‘गुजरात परिवर्तन पार्टी’ बनाई, जिसने 2012 में राज्य के विधानसभा चुनाव में बेहद खराब प्रदर्शन किया। इसके बाद 2014 में उन्होंने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय कर दिया।

जूनागढ़ जिले के विसावदर शहर में 1928 में जन्मे पटेल 1945 में बतौर प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत बतौर जन संघ कार्यकर्ता के तौर पर की थी।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)