वायनाड, 26 नवंबर (भाषा) केरल राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) ने वन विभाग और जिला प्राधिकारियों से वायनाड में आदिवासियों के घर गिराए जाने की हालिया कार्रवाई पर मंगलवार को रिपोर्ट तलब की।
एसएचआरसी के न्यायिक सदस्य के बायजुनाथ ने मनंथावडी प्रभाग के वन अधिकारी और वायनाड के जिलाधिकारी को वन विभाग की कार्रवाई की जांच करने और 15 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
एसएचआरसी की एक विज्ञप्ति के मुताबिक, आदिवासियों के घर गिराए जाने संबंधी खबरों के आधार पर आयोग ने स्वत: संज्ञान लेकर मामला शुरू किया।
केरल के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री ओ आर केलू ने वन विभाग की कार्रवाई को ‘गलत’ बताते हुए उसकी निंदा की। उन्होंने कहा कि विध्वंस स्थानीय निकायों से परामर्श किए बिना किया गया था।
केलू ने कहा कि उन्होंने वन मंत्री ए के ससींद्रन से बात की है, जिन्होंने उन्हें भरोसा दिलाया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इस बात की पुष्टि भी की कि वन विभाग गिराए गए घरों के पुनर्निर्माण के लिए राजी हो गया है।
वन विभाग की कार्रवाई के खिलाफ प्रभावित आदिवासी परिवारों के साथ-साथ कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने भी विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया।
वन विभाग ने दावा किया है कि उसकी कार्रवाई वन भूमि पर से अतिक्रमण हटाने के प्रयासों का हिस्सा थी।
भाषा पारुल मनीषा
मनीषा
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)