Kerala High Court grants anticipatory bail to director Balachandra Menon in sexual harassment case

Kerala High Court: 17 साल बाद एक्ट्रेस ने दर्ज कराया ऐसा मामला, कोर्ट ने डायरेक्टर को दी अग्रिम जमानत, कहा- केवल महिलाओं की ही नहीं, पुरुषों की भी ‘गरिमा’ होती है

17 साल बाद एक्ट्रेस ने दर्ज कराया ऐसा मामला, कोर्ट ने डायरेक्टर को दी अग्रिम जमानत, Kerala High Court grants anticipatory bail to director Balachandra Menon in sexual harassment case

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Modified Date: December 12, 2024 / 01:56 PM IST
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Published Date: December 12, 2024 11:45 am IST

कोच्चि: Anticipatory bail to director Balachandra Menon  केरल उच्च न्यायालय ने वरिष्ठ अभिनेता एवं निर्देशक बालचंद्र मेनन को 2007 में एक फिल्म के शूट के दौरान एक महिला कलाकार के कथित शीलभंग के मामले में बुधवार को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि सिर्फ महिलाओं की नहीं, बल्कि पुरुषों का भी ‘‘गौरव’’ और उनकी भी ‘‘गरिमा’’ होती है। न्यायमूर्ति पी वी कुन्हीकृष्णन ने अभिनेता की अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की। न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद इस वर्ष सितंबर में अभिनेता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

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Anticipatory bail to director Balachandra Menon  मेनन ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि शिकायत 2007 में कथित घटना की तारीख से 17 साल बाद की गई और इसका उद्देश्य उनकी छवि खराब करना है। अदालत ने कहा कि उनकी दलीलों में ‘‘दम’’ है क्योंकि यह स्वीकार्य तथ्य है कि कथित घटना 2007 में हुई थी। उसने कहा, ‘‘यह एक स्वीकृत तथ्य है कि पीड़िता ने कथित घटना के 17 साल बाद शिकायत दर्ज कराई। यह एक स्वीकृत तथ्य है कि याचिकाकर्ता (मेनन) एक प्रसिद्ध सिने कलाकार हैं। उन्होंने लगभग 40 फिल्मों का निर्देशन किया और उन्हें दो राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। उन्हें राष्ट्र द्वारा पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया।’’

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न्यायमूर्ति कुन्हीकृष्णन ने कहा, ‘‘मौजूदा मामला एक महिला के बयान के आधार पर और वह भी 17 साल बाद दर्ज किया गया है। यह सच है कि जांच जारी है लेकिन सभी को यह याद रखना चाहिए कि गौरव और गरिमा केवल महिलाओं की ही नहीं, बल्कि पुरुषों की भी होती है।’’ अदालत ने कहा कि यह ‘‘न्याय के हित में’’ याचिकाकर्ता को जमानत देने का उपयुक्त मामला है। न्यायालय ने मेनन को पूछताछ के लिए बुधवार से दो सप्ताह के भीतर जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा, ‘‘पूछताछ के बाद यदि जांच अधिकारी याचिकाकर्ता (मेनन) को गिरफ्तार करने का प्रस्ताव रखता है, तो उन्हें गिरफ्तार करने वाले संबंधित अधिकारी की संतुष्टि के लिए अभिनेता को 50,000 रुपये के मुचलके और समान राशि के दो जमानतदारों पर जमानत पर रिहा किया जाएगा।’ उसने निर्देश दिया कि मेनन आवश्यक पड़ने पर पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होंगे, जांच में सहयोग करेंगे और ‘‘मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई प्रलोभन या धमकी नहीं देंगे…।’’

मामले से जुड़े सवालों के जवाब

बालचंद्र मेनन को अग्रिम जमानत क्यों मिली?

केरल उच्च न्यायालय ने 2007 में एक महिला कलाकार के कथित शीलभंग के मामले में अभिनेता एवं निर्देशक बालचंद्र मेनन को अग्रिम जमानत दी। अदालत ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि शिकायत 17 साल बाद दर्ज की गई थी और मामले में जांच जारी है।

क्या आरोप है बालचंद्र मेनन पर?

बालचंद्र मेनन पर आरोप है कि उन्होंने 2007 में एक फिल्म के शूट के दौरान एक महिला कलाकार का शीलभंग किया। यह मामला तब सामने आया जब इस वर्ष सितंबर में हेमा समिति की रिपोर्ट के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई।

अग्रिम जमानत के बाद बालचंद्र मेनन को क्या निर्देश दिए गए हैं?

अदालत ने मेनन को दो सप्ताह के भीतर जांच अधिकारी के समक्ष पूछताछ के लिए उपस्थित होने का निर्देश दिया है। यदि जांच अधिकारी उन्हें गिरफ्तार करने का प्रस्ताव रखता है, तो उन्हें 50,000 रुपये के मुचलके और दो जमानतदारों के साथ जमानत पर रिहा किया जाएगा।

बालचंद्र मेनन की याचिका पर अदालत ने क्या टिप्पणी की?

अदालत ने टिप्पणी की कि गौरव और गरिमा सिर्फ महिलाओं की ही नहीं, बल्कि पुरुषों की भी होती है। अदालत ने यह भी कहा कि यह मामला एक महिला के बयान पर आधारित है, जो 17 साल बाद दर्ज किया गया है।

बालचंद्र मेनन के खिलाफ शिकायत क्यों देर से की गई?

शिकायत 2007 की घटना के 17 साल बाद की गई, और मेनन का कहना है कि यह शिकायत उनकी छवि खराब करने के उद्देश्य से की गई है।

 

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