केरल उच्च न्यायालय ने एडीएम नवीन बाबू की मौत की सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिका खारिज की |

केरल उच्च न्यायालय ने एडीएम नवीन बाबू की मौत की सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिका खारिज की

केरल उच्च न्यायालय ने एडीएम नवीन बाबू की मौत की सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिका खारिज की

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Modified Date: January 6, 2025 / 12:04 PM IST
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Published Date: January 6, 2025 12:04 pm IST

कोच्चि (केरल), छह जनवरी (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने कन्नूर के पूर्व अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) नवीन बाबू की मौत की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच के अनुरोध वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी।

न्यायमूर्ति कौसर एडप्पागथ ने बाबू की पत्नी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उनके पति की कथित आत्महत्या की जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया गया था।

अदालत ने डीआईजी (कन्नूर) को मामले में जारी एसआईटी जांच की निगरानी करने का भी आदेश दिया।

कन्नूर जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष दिव्या द्वारा बाबू के विदाई समारोह में उन पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद उन्होंने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की नेता पिछले वर्ष 14 अक्टूबर को बाबू के विदाई समारोह में कथित रूप से बिना आमंत्रण के शामिल हुई थीं। इस दौरान उन्होंने चेंगलाई में पेट्रोल पंप की मंजूरी में कई महीनों की देरी को लेकर बाबू की आलोचना की थी और टिप्पणी की थी कि उन्होंने (बाबू ने) अपने तबादले की सूचना मिलने के दो दिन बाद ही इसकी मंजूरी दे दी। माकपा नेता ने संकेत दिया था कि वह इस अचानक मंजूरी के कारणों से अवगत थीं।

बाद में इस घटना के संबंध में पुलिस ने पी. पी. दिव्या को गिरफ्तार किया था।

बाबू की पत्नी मंजूषा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दावा किया था कि जांच सही दिशा में आगे नहीं बढ़ रही है।

उन्होंने आरोप लगाया था कि आरोपी दिव्या का राजनीतिक प्रभाव है, जिससे जांच में बाधा पहुंचने की आशंका है।

उन्होंने यह भी दावा किया था कि ‘‘वर्तमान जांच एजेंसी द्वारा इस संबंध में कोई सार्थक प्रगति नहीं की गई है’’।

अपनी याचिका में बाबू की पत्नी ने यह भी दावा किया था कि मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने ‘‘इन महत्वपूर्ण पहलुओं पर साक्ष्य जुटाने का कोई सकारात्मक प्रयास नहीं किया’’।

इस बीच, मंजूषा ने कहा कि वह उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील दायर करेंगी।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह अंतिम आदेश नहीं है और हम हर तरह का प्रयास करेंगे।’’

मंजूषा ने कहा कि एसआईटी की मौजूदा जांच में विश्वास की कमी के कारण उन्होंने सीबीआई जांच के लिए उच्च न्यायालय का रुख करने का फैसला किया है।

भाषा सुरभि मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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