तिरुवनंतपुरम, 17 अगस्त (भाषा) केरल के संस्कृति मंत्री साजी चेरियन ने शनिवार को कहा कि केरल सरकार ने मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के सामने आने वाली समस्याओं पर अध्ययन करने वाली न्यायमूर्ति के. हेमा समिति की रिपोर्ट को जारी किया जाना नहीं रोका है।
चेरियन ने कहा कि राज्य सूचना आयोग और केरल उच्च न्यायालय ने राज्य लोक सूचना अधिकारी (एसपीआईओ) को रिपोर्ट के कुछ हिस्सों को हटाने के बाद उसे जारी करने का निर्देश दिया है।
मंत्री ने शनिवार को रिपोर्ट जारी न किए जाने के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब में कहा,’एसपीआईओ को रिपोर्ट जारी करने की अनुमति दी गई है। अधिकारी इसे निर्धारित समय के भीतर जारी करेंगे। क्या समय समाप्त हो गया है? यदि इसे निर्धारित समय में जारी नहीं किया जाता, तो इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है।’
मंत्री ने स्पष्ट किया कि समिति के निष्कर्षों को जारी करने में न तो राज्य सरकार, न ही इसके संस्कृति विभाग और न ही फिल्म उद्योग की कोई भूमिका है।
उन्होंने कहा, ‘सरकार जांच के नतीजों को जारी करने के खिलाफ नहीं है।’
उनकी यह प्रतिक्रिया उन खबरों के मद्देनजर आई है, जिनमें कहा गया है कि समिति के निष्कर्षों को जारी करने में फिर से देरी हुई है, क्योंकि सरकार इसके प्रकाशन के खिलाफ एक अभिनेत्री की याचिका पर निर्णय की प्रतीक्षा कर रही थी। समिति को बयान देने वाली रंजिनी ने कथित तौर पर रिपोर्ट की सामग्री के बारे में चिंता जताते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया है।
इससे पहले रिपोर्ट का प्रकाशन को 24 जुलाई को किया जाना था, लेकिन एक मलयालम फिल्म निर्माता द्वारा दायर की गई याचिका पर केरल उच्च न्यायालय ने इसे रोक दिया था।
इसके बाद उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को याचिका खारिज कर दी और सरकार को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट सार्वजनिक करने का निर्देश दिया।
भाषा योगेश माधव
माधव
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