केजरीवाल की जमानत हरियाणा एवं दिल्ली में पार्टी के अभियान को मजबूती देगी : आप के नेता |

केजरीवाल की जमानत हरियाणा एवं दिल्ली में पार्टी के अभियान को मजबूती देगी : आप के नेता

केजरीवाल की जमानत हरियाणा एवं दिल्ली में पार्टी के अभियान को मजबूती देगी : आप के नेता

:   Modified Date:  September 13, 2024 / 06:53 PM IST, Published Date : September 13, 2024/6:53 pm IST

नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव एवं हरियाणा के मौजूदा चुनावों के मद्देनजर दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं आम आदमी पार्टी (आप) के सबसे बड़े नेता अरविंद केजरीवाल को उच्चतम न्यायालय द्वारा दी गयी जमानत पार्टी के हौसले बुलंद करने वाली है।

आप जहां हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत बनाना चाहती हैं, वहीं यह दिल्ली में अपनी सत्ता बचाने का प्रयास भी करेगी।

केजरीवाल (56) आप के चुनाव अभियानों के केंद्र में रहे हैं और यदि उनकी पार्टी पांच अक्टूबर को हरियाणा विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस को कोई बड़ी चुनौती देने में सफल होती है, तो इसमें मुख्यमंत्री की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी।

पार्टी नेताओं का कहना है कि अपने तीखे भाषणों और प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ शब्दों के बाण से केजरीवाल हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के पक्ष में पलड़ा झुका सकते हैं। हरियाणा में आप अकेले चुनाव लड़ रही है। इस राज्य में फिलहाल आप का कोई सांसद या विधायक नहीं है।

केजरीवाल को जमानत को लेकर शीर्ष अदालत के आदेश के तुरंत बाद, पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने कहा कि आप हरियाणा और दिल्ली में भाजपा को हराएगी। सिंह ने कहा, ‘‘केजरीवाल की मौजूदगी हमें मजबूत करेगी।’’

पार्टी नेता एवं राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने उम्मीद जताई कि आप सुप्रीमो हरियाणा विधानसभा चुनाव की कमान संभालेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘पार्टी ने उनके नेतृत्व में गुजरात और दिल्ली में चुनाव लड़ा है और (यह) हरियाणा में भी उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी। मुझे उम्मीद है कि वह (तिहाड़ जेल से) रिहा होते ही हरियाणा चुनाव की कमान संभालेंगे।’’

शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को केजरीवाल को आबकारी नीति ‘घोटाले’ के सिलसिले में सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में जमानत दे दी और कहा कि लंबे समय तक जेल में रखना आजादी से वंचित करने के समान है।

आप के एक पदाधिकारी ने कहा कि केजरीवाल का हरियाणा से ताल्लुक होना एक बड़ी उपलब्धि है और पार्टी चुनाव से पहले इसका फायदा उठाने की कोशिश करेगी।

पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘‘वह पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हैं। उन्हें सलाखों के पीछे डालने का पूरा उद्देश्य क्या था? हमारे नेताओं को विभिन्न मामलों में निशाना बनाना तब शुरू हुआ जब हम राष्ट्रीय पार्टी बन गए। केजरीवाल और (पूर्व उपमुख्यमंत्री) मनीष सिसोदिया को सलाखों के पीछे डालने का पूरा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर आगे न बढ़े।”

हरियाणा चुनावों पर ‘केजरीवाल फैक्टर’ के प्रभाव के बारे में वरिष्ठ नेता ने कहा कि आप के राष्ट्रीय संयोजक हरियाणा से हैं और वहां के लोगों से उनका सीधा संबंध है।

उन्होंने कहा, “उनकी भाषण कला सर्वविदित है। उनकी रिहाई का पूरी पार्टी पर काफी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”

केजरीवाल की मौजूदगी पार्टी को फिर से संगठित करने और चुनावी राज्यों में एक मजबूत इकाई के रूप में उभरने में भी मदद करेगी।

उन्होंने कहा कि इससे पार्टी के प्रमुख मुद्दों पर अपनी राय रखने के तरीके पर भी असर पड़ेगा।

एक अन्य पार्टी पदाधिकारी ने कहा, “सिसोदिया की पदयात्राओं से हमें यहां फायदा हुआ है और केजरीवाल की रिहाई से पूरी गति एक नये स्तर पर पहुंच जाएगी।”

पदाधिकारी ने कहा, “भाजपा ने सोचा था कि केजरीवाल दिल्ली चुनाव से पहले जेल से बाहर नहीं आएंगे और इससे उन्हें फायदा होगा, लेकिन उनकी योजना विफल हो गई। उन्हें लगा था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सरकार गिर जाएगी, लेकिन हम दृढ़ रहे।”

पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह और वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया के बाद केजरीवाल शीर्ष अदालत से जमानत पाने वाले आप के तीसरे वरिष्ठ नेता हैं।

पदाधिकारी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की जमानत आप के लिए भाजपा की “साजिश” का शिकार होने का विमर्श स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त करेगी, क्योंकि आप हरियाणा की राजनीति में अपनी छाप छोड़ना चाहती है और अगले साल दिल्ली में फिर से जनादेश हासिल करना चाहती है।

भाषा सुरेश प्रशांत

प्रशांत

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)