K. Kavitha Govt Witness:: नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को जमानत देने से इनकार कर दिया जिन्हें दिल्ली आबकारी नीति घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कविता से निचली अदालत में जाने को कहा। पीठ ने कहा कि यह एक प्रक्रिया है जिसका यह अदालत पालन कर रही है और वह प्रोटोकॉल को नजरअंदाज नहीं कर सकती।
वहीं मिली जानकारी के अनुसार, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) एमएलसी के कविता आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सरकारी गवाह बन सकती हैं। हालांकि के कविता के सरकारी गवाह बनने से सीएम केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ सकती है। उन्होंने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के कम से कम 15 लोग भी इस मामले में सरकार के गवाह के रूप में गवाही दे सकते हैं।
पीठ ने कहा कि जहां तक धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों को चुनौती देने वाली कविता की याचिका है, अदालत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर रही है और छह सप्ताह में उससे जवाब देने को कह रही है। कविता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल से पीठ ने कहा, ‘‘प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका लंबित मामलों के साथ ली जाएगी।’’ सिब्बल ने शुरुआत में कहा कि उनका अदालत से एक अनुरोध है कि उन्हें उच्च न्यायालय जाने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘कृपया देखिए हमारे देश में क्या हो रहा है। एक सरकारी गवाह के बयान के आधार पर लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। मैं बहुत निराश हूं।’’ पीठ ने सिब्बल से कहा, ‘‘वकील के तौर पर आपको कभी निराश नहीं होना चाहिए। इतना भावुक मत होइए। मुख्य रिट याचिका को जुलाई में अन्य याचिकाओं के साथ सुनवाई के लिए रखा जा सकता है। जहां तक जमानत की बात है, हमारा बहुत स्पष्ट रुख है कि आपको निचली अदालत में जाना होगा।’’ सिब्बल ने जब झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अन्य नेताओं की गिरफ्तारी का जिक्र किया तो पीठ ने उनसे राजनीतिक बयानबाजी नहीं करने को कहा।
पीठ ने कहा, ‘‘हमारा रुख बहुत स्पष्ट है और हम एकरूपता के साथ इस पीठ में इस प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं। हम सैद्धांतिक रूप से इस बात से सहमत हैं कि हमें इसलिए सभी वैधानिक और संवैधानिक फोरम को नजरअंदाज नहीं कर देना चाहिए क्योंकि कोई राजनीतिक व्यक्ति है या कोई ऐसा है जो सीधे उच्चतम न्यायालय में आने का खर्च उठा सकता है।’’ तब सिब्बल ने केस फाइल और ईडी द्वारा अदालत में पिछले साल सितंबर में दिए गए बयानों का उल्लेख किया कि वह आरोपी नहीं हैं। पीठ ने कहा कि इस समय वह मामले के गुण-दोषों पर विचार नहीं कर रही।
K. Kavitha Govt Witness:: पीठ ने कहा, ‘‘आप हमसे जो करने के लिए कह रहे हैं, वह हमारे हिसाब से स्वीकार्य नहीं है।’’ इसके बाद सिब्बल ने कहा कि वह राहत के लिए निचली अदालत जाएंगे। पीठ ने आदेश दिया कि यदि कविता निचली अदालत में कोई जमानत अर्जी दायर करती हैं तो इस पर तेजी से फैसला होना चाहिए। कविता ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। तेलंगाना विधान परिषद की सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी कविता को 15 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और 23 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया था।