देश को नया कानून मंत्री मिल गया हैं। राजस्थान के बीकानेर से सांसद अर्जुन राम मेघवाल देश के नए लॉ मिनिस्टर होंगे। इससे पहले यह मंत्रालय किरण रिजुजू के पास था। रिजिजू को रविशंकर प्रसाद के स्थान पर जुलाई 2021 में कानून मंत्री बनाया गया था। अर्जुन मेघवाल के पास फिलहाल केन्द्रीय संस्कृति एवं संसदीय कार्य मंत्रालय की जिम्मेदारी है। इसे पहले मेघवाल (Kaun hain naye kanoon mantri Arjun Ram Meghwal) केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री, केन्द्रीय जल संसाधन और गंगा विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी भी सम्हाल चुके हैं। अर्जुन राम मेघवाल लो प्रोफ़ाइल नेताओ में गिने जाते हैं। यही वजह हैं की वह मोदी कैबिनेट के सबसे विश्वस्त मंत्रियों में शामिल हैं। अक्सर पगड़ी में नजर आने वाले अर्जुन राम मेघवाल अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं।
मेघवाल का जीवन संघर्षपूर्ण रहा हैं। मेघवाल का जन्म 7 दिसंबर 1954 को हुआ था। उनके सियासी जीवन की शुरुआत साल 2009 में हुई थी, जब बीजेपी की तरफ उन्होंने बीकानेर लोकसभा से पहला चुनाव जीता था। इसके बाद साल 2014 के लोकसभा चुनाव में दोबारा एमपी निर्वाचित हुए। केन्द्र सरकार में वित्त व कंपनी मामलात राज्य मंत्री संसदीय कार्यमंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री रहे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीकानेर से लगातार तीसरी बार सांसद निर्वाचित हुए। वे राजस्थान के दलित समुदाय से आते हैं।
बीकानेर के किसमिदेसार गांव के एक पारंपरिक बुनकर परिवार में जन्मे मेघवाल की शादी मात्र 13 साल की उम्र में हो गई थी। पिता के साथ बुनकर के रूप में काम करते हुए भी उन्होंने पढ़ाई जारी रखी। बीकानेर के श्री डुंगर कॉलेज से (Kaun hain naye kanoon mantri Arjun Ram Meghwal) उन्होंने बीए की डिग्री पाई और उसी संस्थान से वकालत की स्नातक डिग्री एलएलबी और स्नातकोत्तर डिग्री भी हासिल की।
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पढ़ाई पूरी करने के बाद मेघवाल ने प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी शुरू की। उन्हें भारत डाक एवं तार विभाग में टेलीफोन ऑपरेटर का पद मिला। राजनीति में उनकी शुरुआत तब हुई, जब वह टेलीफोन ट्रैफिक एसोसिएशन का चुनाव लड़े और महासचिव चुने गए। टेलीफोन ऑपरेटर के रूप में काम करते हुए मेघवाल ने दूसरे प्रयास में राजस्थान राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर ली। नौकरशाहों की शीर्ष टोली में इन्हें तब जगह मिली जब इनको भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी के रूप में प्रोन्नत्ति मिली और राजस्थान के चुरू के जिलाधिकारी बने।