कश्मीर: ‘रोपवे’ परियोजना के खिलाफ कटरा में तीसरे दिन भी रहा बंद, भूख हड़ताल में और लोग जुड़े

कश्मीर: ‘रोपवे’ परियोजना के खिलाफ कटरा में तीसरे दिन भी रहा बंद, भूख हड़ताल में और लोग जुड़े

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  • Publish Date - December 27, 2024 / 03:55 PM IST,
    Updated On - December 27, 2024 / 03:55 PM IST

रियासी/जम्मू, 27 दिसंबर (भाषा) जम्मू कश्मीर में वैष्णो देवी तीर्थयात्रा के आधार शिविर कटरा में प्रस्तावित ‘रोपवे’ परियोजना के खिलाफ शुक्रवार को तीसरे दिन भी बंद जारी रहा तथा प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई की मांग को लेकर और अधिक आंदोलनकारी भूख हड़ताल पर बैठ गए।

श्री माता वैष्णो देवी संघर्ष समिति ने 72 घंटे के बंद का आह्वान किया है, जो बुधवार से शुरू हुआ। समिति ने घोषणा की है कि इस दौरान कटरा में सभी गतिविधियां निलंबित रहेंगी।

महिलाएं और बच्चे भी अब उन प्रदर्शनकारियों के साथ शामिल हो गए हैं, जिन्होंने बुधवार रात को भूख हड़ताल शुरू की थी। वे परियोजना के खिलाफ पूर्व में विरोध मार्च के दौरान हिरासत में लिए गए समिति के 18 सदस्यों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।

पिछले महीने, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने गुफा मंदिर तक 12 किलोमीटर लंबे रास्ते पर चलने में चुनौतियों का सामना करने वाले वरिष्ठ नागरिकों, बच्चों और अन्य लोगों को मंदिर तक पहुंचाने में आसानी के लिए रोपवे शुरू करने का निर्णय लिया था।

इस 250 करोड़ रुपये की प्रस्तावित रोपवे परियोजना का उद्देश्य ताराकोट मार्ग को सांझी छत से जोड़ना है, जो रियासी जिले में गुफा मंदिर की ओर जाता है।

दुकानदारों, खच्चर वालों और पालकी मालिकों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाली समिति का कहना है कि रोपवे से स्थानीय व्यापार मालिकों की आजीविका समाप्त हो जाएगी। समिति इस परियोजना को रद्द करने की मांग कर रही है।

समिति के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह बंद रोपवे परियोजना के खिलाफ हमारे 72 घंटे लंबे बंद का हिस्सा है। यह शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। समिति जल्द ही अगले कदम के बारे में फैसला करेगी।’’

प्रशासन की इस मामले में लापरवाही की आलोचना करते हुए प्रवक्ता ने कहा, ‘‘प्रशासन महिलाओं और बच्चों सहित शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों की दुर्दशा के प्रति उदासीन है। हमारी स्पष्ट मांग है कि इस परियोजना को रोका जाए, क्योंकि इससे कटरा के निवासियों की आजीविका को खतरा है, जिनमें से अधिकतर तीर्थयात्रा की अर्थव्यवस्था पर निर्भर हैं।’’

भूख हड़ताल में शामिल शिवा की हालत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

भूख हड़ताल में शामिल एक अन्य आंदोलनकारी ने कहा, ‘‘जब तक हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा नहीं किया जाता, तब तक हमारी भूख हड़ताल जारी रहेगी। अगर कोई बीमार पड़ता है, तो उसकी जगह कोई दूसरा व्यक्ति भूख हड़ताल में शामिल हो जाएगा।’’

भाषा शफीक रंजन

रंजन