नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया। कार्ति चिदंबरम पर मादक पेय पदार्थ बनाने वाली कंपनी डियाजियो स्कॉटलैंड को व्हिस्की की शुल्क मुक्त बिक्री पर प्रतिबंध के मामले में कथित तौर पर राहत देने का आरोप है।
कांग्रेस सांसद के खिलाफ यह मामला 2018 में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई प्रारंभिक जांच से उपजा है, जिसमें पी चिदंबरम के वित्त मंत्री रहने के दौरान एफआईपीबी मंजूरी देने में कथित अनियमितताओं की जांच की गई थी।
यह मामला कटरा होल्डिंग्स, एएससीपीएल, कार्ति और अन्य के खिलाफ दर्ज किया गया था।
वकील अक्षत गुप्ता के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति प्राप्त किए बिना अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी, इसलिए इसका पंजीकरण गैरकानूनी था और कोई भी पूछताछ या जांच भी अवैध थी।
याचिका में आरोप लगाया गया कि प्राथमिकी दर्ज करने में काफी देरी हुई क्योंकि आरोप 2004 से 2010 की अवधि के हैं जबकि प्राथमिकी 2025 में दर्ज की गई यानी 20 साल बाद।
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के खिलाफ लगाए गए किसी भी अपराध का प्रथम दृष्टया कोई सबूत नहीं है।
भाषा शोभना वैभव
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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)