कर्नाटक: नागमंगला हिंसा मामले में पुलिस निरीक्षक निलंबित, तीन और हिरासत में लिये गये |

कर्नाटक: नागमंगला हिंसा मामले में पुलिस निरीक्षक निलंबित, तीन और हिरासत में लिये गये

कर्नाटक: नागमंगला हिंसा मामले में पुलिस निरीक्षक निलंबित, तीन और हिरासत में लिये गये

:   Modified Date:  September 13, 2024 / 07:56 PM IST, Published Date : September 13, 2024/7:56 pm IST

नागमंगला (कर्नाटक), 13 सितंबर (भाषा) नागमंगला में भगवान गणेश की शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में एक पुलिस इंस्पेक्टर को ड्यूटी में चूक के आरोप में निलंबित कर दिया गया है तथा तीन और लोगों को हिरासत में लिया गया है।

पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि मांड्या जिले के इस शहर में स्थिति सामान्य हो गई है, जहां बुधवार रात दो समूहों के बीच झड़प होने के बाद भीड़ द्वारा कई दुकानों और वाहनों को निशाना बनाकर तोड़फोड़ किए जाने से तनाव पैदा हो गया था।

पुलिस ने कहा कि स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है, फिर भी शहर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और एहतियात के तौर पर 14 सितंबर तक चार से अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाते हुए निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में तीन और गिरफ्तारियों के साथ गिरफ्तार किए गए लोगों की संख्या बढ़कर 55 हो गई है। पहले गिरफ्तार किए गए 52 लोगों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

मांड्या के पुलिस अधीक्षक मल्लिकार्जुन बालदंडी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि नागमंगला टाउन थाने में तैनात पुलिस निरीक्षक अशोक कुमार को शोभायात्रा के दौरान हुई झड़पों के संबंध में ड्य़ूटी में चूक के लिए बृहस्पतिवार शाम निलंबित कर दिया गया।

पुलिस ने बताया कि घटना के सिलसिले में 18 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

गृह मंत्री जी परमेश्वर ने आगाह किया कि कानून को अपने हाथ में लेने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जा रही है।

उन्होंने कहा कि इस घटना के कारण जिन लोगों की आजीविका पर असर पड़ा है, सरकार उन लोगों को मुआवाजा देने पर विचार करेगी। साथ ही उन्होंने इस मामले में ‘‘राजनीति’’ करने के लिए विपक्षी दलों पर निशाना साधा।

परमेश्वर ने बेंगलुरु में संवाददाताओं से कहा, ‘‘(पुलिस) निरीक्षक को निलंबित कर दिया गया है, क्योंकि उसने (शोभायात्रा के) मार्ग में थोड़ा बदलाव किया। इसके लिए वह जिम्मेदार है। हमने राज्यभर के पुलिस कर्मचारियों और अधिकारियों से कहा था कि अगर उनके अधिकार क्षेत्र में कोई घटना होती है तो वे जिम्मेदार होंगे। निरीक्षक की ओर से ड्यूटी में लापरवाही बरते जाने के कारण उसे निलंबित कर दिया गया है।’’

इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल-सेक्युलर (जद-एस) नेताओं ने कहा कि शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा ‘‘पूर्व नियोजित’’ थी। नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सरकार ‘‘तुष्टीकरण की राजनीति’’ करती है।

केंद्रीय मंत्री एवं जद (एस) नेता एच डी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को नागमंगला का दौरा किया और कहा कि मौका मुआयना करने से यह बात सामने आई है कि प्रथम दृष्टया हिंसा ‘‘पूर्व नियोजित’’ थी।

इस घटना को ‘‘मामूली’’ और ‘‘अप्रत्याशित’’ बताने के लिए परमेश्वर पर निशाना साधते हुए कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘आप लोगों को किस तरह का संदेश दे रहे हैं….आप इसे अप्रत्याशित कह रहे हैं…जब ऐसी शोभायात्रा निकल रही थी और यह एक संवेदनशील क्षेत्र था, अगर पर्याप्त उपाय किए गए होते तो ऐसी घटना नहीं होती। यहां 30-40 वर्षों से रह रहे लोगों की दुकानों को आग लगा दी गई।’’

केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता प्रह्लाद जोशी ने भी कहा कि घटनाक्रम को देखते हुए ऐसा लगता है कि यह ‘‘पूर्व नियोजित’’ था। भगवान गणेश की शोभायात्रा के दौरान हमला करने के लिए छड़ें, पत्थर और हथियारों का इस्तेमाल किया गया और पेट्रोल बम भी फेंके गए।

भाजपा की युवा शाखा के प्रमुख एवं बेंगलुरु दक्षिण के सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा कि जब भी कर्नाटक में कांग्रेस सत्ता में आई ‘‘टीपू सुल्तान और औरंगजेब की औलाद पैदा हुईं और उन्हें ताकत मिली।’’ ‘‘नागमंगला की मोहब्बत की दुकान में यही हुआ है।’’

भाजपा की कर्नाटक इकाई ने इस मामले में शुक्रवार को पांच सदस्यीय ‘तथ्यान्वेषी समिति’ गठित की।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी. वाई. विजयेंद्र ने समिति के गठन की घोषणा करते हुए एक बयान में कहा कि समिति को घटनास्थल का दौरा करने, वस्तुस्थिति की पड़ताल करने और एक सप्ताह के भीतर एक व्यापक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

इस समिति में विधायक एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सी एन अश्वथ नारायण, विधायक एवं पूर्व मंत्री बी. बसवराज, पूर्व मंत्री के सी नारायण गौड़ा, राज्य सचिव लक्ष्मी अश्विन गौड़ा और पूर्व आईपीएस अधिकारी भास्कर राव शामिल हैं।

पुलिस ने बताया कि नागमंगला हिंसा के सिलसिले में गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने, हत्या का प्रयास, सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और भारतीय न्याय संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

बुधवार रात को हुए पथराव में दो पुलिसकर्मियों सहित कुछ लोगों को मामूली चोटें आईं।

पुलिस के अनुसार बुधवार को जब बद्रीकोप्पलु गांव से श्रद्धालु शोभायात्रा निकाल रहे थे तब दो समूहों के बीच बहस हो गई और कुछ उपद्रवियों ने पथराव किया जिससे स्थिति बिगड़ गई।

पुलिस के मुताबिक दोनों समूहों के बीच झड़प के बाद कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की गई और वाहनों में आग लगा दी गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने और स्थिति को संभालने के लिए हल्का बल प्रयोग किया।

शोभायात्रा निकालने वाले युवाओं के समूह ने थाने के निकट विरोध प्रदर्शन किया और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की।

भाषा खारी पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)