वक्फ भूमि विवाद के बीच कर्नाटक के अधिकारी संसदीय समिति के समक्ष उपस्थित होंगे |

वक्फ भूमि विवाद के बीच कर्नाटक के अधिकारी संसदीय समिति के समक्ष उपस्थित होंगे

वक्फ भूमि विवाद के बीच कर्नाटक के अधिकारी संसदीय समिति के समक्ष उपस्थित होंगे

Edited By :  
Modified Date: December 25, 2024 / 05:35 PM IST
,
Published Date: December 25, 2024 5:35 pm IST

नयी दिल्ली, 25 दिसंबर (भाषा) कर्नाटक में कुछ स्थानों पर वक्फ भूमि को लेकर उठे विवाद के बीच राज्य सरकार के अधिकारी बृहस्पतिवार को वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति के समक्ष उपस्थित होंगे।

भारतीय जनता पार्टी के सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति बृहस्पतिवार और शुक्रवार को होने वाली दो दिनों की बैठकों में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और दिल्ली की सरकारों के प्रतिनिधियों के विचार सुनने वाली है।

दिल्ली के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन भी शुक्रवार को समिति के समक्ष अपने विचार रखने वाले हैं और इसके बाद दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों द्वारा साक्ष्य प्रस्तुत किए जाएंगे।

कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार के अधिकारियों की पेशी भाजपा नेताओं के उन दावों पर विवाद के मद्देनजर हो रही है कि राज्य में किसानों की 1500 एकड़ से अधिक भूमि वक्फ बोर्ड द्वारा कब्जा की जा रही है।

पाल ने कर्नाटक का दौरा किया था और उन किसानों से बातचीत की थी जिन्हें वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर अतिक्रमण के संबंध में राज्य सरकार से नोटिस मिले थे।

समिति ने राज्य सरकारों को भी पत्र लिखकर सच्चर समिति की रिपोर्ट के अनुसार अनधिकृत तरीके से कब्जा की गई वक्फ संपत्तियों का विवरण मांगा था।

लोकसभा ने गत 28 नवंबर को इस संयुक्त समिति का कार्यकाल अगले साल बजट सत्र के आखिरी दिन तक के लिए बढ़ाने की मंजूरी दी थी।

सरकार ने वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित विधेयक गत आठ अगस्त को लोकसभा में पेश किया था जिसे सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक एवं चर्चा के बाद संयुक्त समिति को भेजने का फैसला हुआ था।

इस विधेयक में वर्तमान अधिनियम में दूरगामी बदलावों का प्रस्ताव रखा गया है, जिनमें वक्फ निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना भी शामिल है।

वक्फ (संशोधन) विधेयक में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर ‘एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम, 1995’ करने का भी प्रावधान है।

विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के विवरण के अनुसार, विधेयक में यह तय करने की बोर्ड की शक्तियों से संबंधित मौजूदा कानून की धारा 40 को हटाने का प्रावधान है कि कोई संपत्ति वक्फ संपत्ति है या नहीं।

यह संशोधन विधेयक केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड की व्यापक आधार वाली संरचना प्रदान करता है और ऐसे निकायों में मुस्लिम महिलाओं तथा गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करता है।

भाषा हक पवनेश मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)