कर्नाटक सरकार ने एमयूडीए ‘घोटाले’ को लेकर विवाद के बीच मैसुरु के उपायुक्त का तबादला किया |

कर्नाटक सरकार ने एमयूडीए ‘घोटाले’ को लेकर विवाद के बीच मैसुरु के उपायुक्त का तबादला किया

कर्नाटक सरकार ने एमयूडीए ‘घोटाले’ को लेकर विवाद के बीच मैसुरु के उपायुक्त का तबादला किया

:   Modified Date:  July 5, 2024 / 03:18 PM IST, Published Date : July 5, 2024/3:18 pm IST

बेंगलुरु, चार जुलाई (भाषा) कर्नाटक सरकार ने मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) में कथित भूमि घोटाले को लेकर विवाद के बीच शुक्रवार को मैसुरु के उपायुक्त के. वी. राजेंद्र का तबादला कर दिया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता आर. अशोक ने आरोप लगाया था कि राजेंद्र ने एमयूडीए को लिखे कई पत्रों में कहा था कि जिन लोगों की जमीन ली गई है, उन्हें ‘50:50 अनुपात’ योजना के तहत आवासीय परिसर बनाने के लिए किया गया वैकल्पिक स्थलों का आवंटन अनुचित था।

राजेंद्र उन 21 आईएएस अधिकारियों में शामिल हैं, जिनका सरकार ने तबादला किया है। उन्हें बेंगलुरू में पर्यटन निदेशक नियुक्त किया गया है।

राजेंद्र की जगह जी लक्ष्मीकांत रेड्डी को मैसुरु का उपायुक्त नियुक्त किया गया है, जो फिलहाल कर्नाटक शहरी अवसंरचना विकास एवं वित्त निगम (केयूआईडीएफसी), बेंगलुरु के प्रबंध निदेशक हैं।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अशोक ने आरोप लगाया था कि राजेंद्र ने वैकल्पिक स्थल आवंटित करने के लिए अपनाई गई प्रक्रिया के बारे में भी विवरण मांगा था, लेकिन एमयूडीए ने जवाब देने की जहमत नहीं उठाई।

एमयूडीए ने जिन लोगों की जमीन अधिग्रहीत की थी, उनमें राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी भी शामिल हैं। सिद्धरमैया ने इन लोगों को भूखंड आवंटित करने में हुईं कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच कराने की भाजपा की मांग खारिज करते हुए बृहस्पतिवार को कहा था कि इसमें कोई गड़बड़ी नहीं हुई। मैसुरु मुख्यमंत्री का गृह जिला है।

भाजपा ने आरोप लगाया है कि पार्वती को मैसूर के एक पॉश इलाके में वैकल्पिक स्थल भी आवंटित किया गया था, जिसकी संपत्ति का मूल्य उनकी उस भूमि की तुलना में अधिक था जिसे एमयूडीए ने ‘अधिग्रहित’ किया था। भाजपा ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की है।

एमयूडीए ने इस योजना के तहत पार्वती को उनकी तीन एकड़ से अधिक भूमि के बदले में उस जगह भूखंड आवंटित किए थे, जहां एमयूडीए ने आवासीय परिसर विकसित किया है।

विवादास्पद योजना में, परिसर बनाने के लिए जिन लोगों से अविकसित भूमि अधिग्रहित की गई है, उसके बदले उन्हें 50 प्रतिशत विकसित भूमि आवंटित करने का प्रावधान है।

भाजपा ने आरोप लगाया है कि एमयूडीए ने इस योजना में 4,000 करोड़ रुपये की अनियमितता की।

भाषा जोहेब शोभना

शोभना

 

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