बेंगलुरु, 22 अगस्त (भाषा) कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले की जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को लोकायुक्त पुलिस के समक्ष पेश हुए।
कांग्रेस सरकार द्वारा उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई सहमति 23 नवंबर 2023 को वापस लेने और मामले को लोकायुक्त पुलिस के पास भेजने के बाद उसने फरवरी में शिवकुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
लोकायुक्त के समक्ष पेश होने के बाद शिवकुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोकायुक्त ने कल समन जारी किया था, मैं उपस्थित नहीं हो सका क्योंकि मैं अलमट्टी के दौरे पर था। इसलिए मैंने आज पेश होने के लिए अनुरोध किया था और उन्होंने मुझे आज का समय दिया। लगभग तीन घंटे तक उन्होंने मुझसे पूछताछ की। मैंने उन्हें जवाब दे दिए हैं। उन्होंने और दस्तावेज मांगे हैं, मैं उन्हें जमा कर दूंगा।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘तथ्यों का अध्ययन करने के बाद’’, लोकायुक्त एक बार फिर उन्हें पेश होने का नोटिस जारी करेंगे।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘एक बात जरूर है कि सीबीआई उनसे (लोकायुक्त से) बेहतर है। उन्होंने मुझसे अलग-अलग चीजों पर कई सारे सवाल पूछे। सीबीआई ने अभी तक मुझसे कुछ नहीं पूछा है, उसने मुझे अभी तक नहीं बुलाया है। लेकिन उन्होंने (लोकायुक्त) मुझे बुलाया है और मुझे परेशान कर रहे हैं।’’
राज्य सरकार द्वारा मामले को सीबीआई से लोकायुक्त को सौंपने के बारे में पूछे जाने पर शिवकुमार ने कहा कि लोकायुक्त पिछले छह माह से मामले की जांच कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सीबीआई को जांच रोक देनी चाहिए थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। वे मेरे सभी लोगों को परेशान कर रहे हैं। उसने मुझे अभी तक तलब नहीं किया है, लेकिन वे मेरे कई मित्रों और रिश्तेदारों को परेशान कर रहे हैं। अब इन लोगों (लोकायुक्त) ने भी उसी तरह से काम करना शुरू कर दिया है।’’
उच्चतम न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में शिवकुमार के खिलाफ दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को 15 जुलाई को खारिज कर दिया था।
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एससी शर्मा की उच्चतम न्यायालय की पीठ ने कहा था कि वह कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती।
शीर्ष अदालत शिवकुमार द्वारा 19 अक्टूबर 2023 के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।
उच्च न्यायालय ने सीबीआई को जांच पूरी करने और तीन माह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया था।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि शिवकुमार ने 2013 और 2018 के बीच अपनी आय से अधिक संपत्ति अर्जित की। वह इस अवधि के दौरान तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मंत्री थे।
भाषा खारी वैभव
वैभव
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