राजस्थान : अदालत ने कन्हैयालाल हत्याकांड के एक आरोपी को दी जमानत |

राजस्थान : अदालत ने कन्हैयालाल हत्याकांड के एक आरोपी को दी जमानत

राजस्थान : अदालत ने कन्हैयालाल हत्याकांड के एक आरोपी को दी जमानत

:   Modified Date:  September 5, 2024 / 11:28 PM IST, Published Date : September 5, 2024/11:28 pm IST

जयपुर, पांच सितंबर (भाषा) राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल हत्याकांड के एक आरोपी मोहम्मद जावेद को बृहस्पतिवार को उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी।

अदालत के फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा ने चुनावी लाभ लेने के लिए (घटना का) राजनीतिक इस्तेमाल किया परन्तु भाजपा नीत केंद्र के राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने दोषियों को सजा देने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई।

वहीं, भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि कन्हैयालाल हत्याकांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए भाजपा सरकार प्रतिबद्ध है।

साल 2022 में हुए इस जघन्य हत्याकांड में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) अदालत द्वारा जमानत देने से इनकार किए जाने के बाद आरोपी ने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

आरोपी ने अपने वकील सैयद सआदत अली के जरिए दलील दी कि उसे फोन कॉल डिटेल के आधार पर गिरफ्तार किया गया था, जबकि साजिश रचने में शामिल अन्य आरोपियों के साथ उसकी लोकेशन का पता नहीं लगाया जा सका।

अली ने कहा कि घटना से पहले अन्य मुख्य आरोपी एक चाय के ढाबे (टी-स्टॉल) पर एकत्र हुए थे लेकिन याचिकाकर्ता की लोकेशन वहां की नहीं थी। उससे कोई बरामदगी नहीं हुई है और मामले में उसका अपराध अभी साबित होना बाकी है।

बचाव पक्ष के वकील की दलीलों पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति पंकज भंडारी की अध्यक्षता वाली पीठ ने आरोपी को जमानत दे दी, क्योंकि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी उसके और मामले के अन्य मुख्य आरोपियों के खुलासे के बयान पर आधारित थी।

जून 2022 में उदयपुर के व्यस्त हाथीपोल इलाके में दर्जी कन्हैयालाल की उनकी दुकान पर चाकू से हमला कर हत्या कर दी गई थी। कन्हैयालाल पर दो लोगों ने चाकू से हमला किया था। आरोपी इस बात से नाराज बताए जा रहे थे कि कन्हैयालाल ने सोशल मीडिया पर इस्लाम के खिलाफ एक पोस्ट का कथित तौर पर समर्थन किया था।

इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। मामले की जांच एनआईए कर रही है।

जयपुर में एनआईए अदालत में 11 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय किए गए जिनमें धारा 302 (हत्या), धारा 452 (अनधिकृत प्रवेश), धारा 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), धारा 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, जिसका उद्देश्य किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करना है), धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम शामिल हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘आज कन्हैयालाल हत्याकांड में शामिल रहे एक आरोपी को उच्च न्यायालय से जमानत मिल गई।’’

उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड का भाजपा ने चुनावी लाभ लेने के लिए राजनीतिक इस्तेमाल किया परन्तु केंद्र के एनआईए ने दोषियों को सजा देने में कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई। 28 जून 2022 को हुई इस घटना की रात को ही एनआईए ने ये मामला अपने हाथ में ले लिया पर करीब ढाई साल बीतने के बाद दोषियों को सजा नहीं दिलाई जा सकी।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि राज्य की भाजपा सरकार ने भी जल्दी सजा के लिए कोई दबाव नहीं बनाया।

गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी प्रचार में इस घटना का खूब इस्तेमाल किया और भाजपा ने पीड़ित परिवार को दिए गए मुआवजे की राशि 50 लाख रुपए को 5 लाख रुपए बताकर झूठ फैलाया और राजनीतिक लाभ लिया।

उन्होंने कहा कि राजस्थान की जनता और पीड़ित परिवार पूछ रहा है कि भाजपा इस घटना का केवल राजनीतिक फायदा ही लेगी या न्याय दिलाने का भी प्रयास करेगी।

गहलोत ने आरोप लगाया कि जनता ये नहीं भूली है कि इस हत्याकांड के दो मुख्य आरोपी भाजपा के कार्यकर्ता थे और भाजपा नेता ने उनकी सिफारिश के लिए थाने में फोन किया करते थे।

पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत पर पलटवार करते हुए भाजपा नेता राजेन्द्र राठौड़ ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, ‘‘अशोक गहलोत साहब, कन्हैयालाल हत्याकांड के दोषियों को सजा दिलाने के लिए भाजपा सरकार प्रतिबद्ध है। लेकिन, आप यह कैसे भूल रहे हैं कि जयपुर सीरियल बम धमाके में 71 निर्दोष लोगों की जान गई लेकिन विगत कांग्रेस सरकार में माननीय उच्च न्यायालय में लचर पैरवी होने के कारण आतंकियों को बरी कर दिया था। तब इसका दोषी कौन था?’’

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस सरकार ने तुष्टीकरण की नीति अपनाते हुए आरोपियों के खिलाफ ढीला रवैया अपनाया था और उन्हें सजा दिलाने में गंभीरता नहीं दिखाई थी।’’

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘जब उच्चतम न्यायालय ने मुंबई आतंकी हमले के गुनहगार अजमल कसाब को फांसी की सजा सुनाई, तो तत्कालीन संप्रग सरकार ने 6 साल तक उसे क्यों बचाए रखा? तब तो कांग्रेस की ही सरकार थी ना ?’’

उन्होंने कहा, ‘‘कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को पकड़वाने में दो युवक शक्ति सिंह और प्रहलाद की भी सक्रिय भूमिका रही थी लेकिन आपकी सरकार ने उनकी सुरक्षा को नजरअंदाज क्यों किया था?’’

उन्होंने कहा, ‘‘गहलोत जी, गुनहगारों को सजा मिलकर रहेगी, चाहे वह कोई भी हो। हमारी भाजपा सरकार का संकल्प स्पष्ट है – दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाना।’’

भाषा कुंज शफीक

शफीक

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)