फूलबनी (ओडिशा), 19 मार्च (भाषा) ओडिशा पुलिस ने मंगलवार को दावा किया कि कंधमाल जिले में संदिग्ध रूप से माओवादियों के हाथों मारे गए एक आदिवासी दंपति की हत्या गांव वालों ने जादू-टोना करने के शक में की थी।
यह घटना आठ मार्च को कंधमाल जिले के गदापदर गांव में हुई थी। दंपति के शव अगले दिन एक जंगल से खून से लथपथ हालत में बरामद किए गए थे। उनके सिर पर चोटों के निशान थे।
कंधमाल के पुलिस अधीक्षक शुभेंदु पात्रा ने बताया कि शुरुआत में संदेह था कि बतासी कन्हार (41) और ताहिरा कन्हार (45) नामक दंपति की माओवादियों ने हत्या कर दी, लेकिन बाद में जांच में पता चला कि उनकी ग्रामीणों ने हत्या की थी।
पुलिस ने बताया कि शव मिलने के बाद शक हुआ कि इस हत्याकांड को माओवादियों ने अंजाम नहीं दिया होगा क्योंकि हत्या का तरीका अलग था। हत्यारों ने दंपति के सिर के बीच ठोस वस्तुओं से प्रहार किया था। माओवादी अक्सर इस तरीके से किसी की हत्या नहीं करते हैं।
पुलिस की जांच में आगे पता चला कि इलाके में कुछ लोगों के बीमार पड़ने के बाद ग्रामीणों को इस दंपति के जादू-टोना करने का शक हुआ। यह दंपति धार्मिक प्रवृत्ति का था और अपने घर में पूजा-पाठ करता रहता था।
दोनों पर जादू-टोना करने का आरोप लगाया गया और उन्हें गांव से निकाल दिया गया तथा गांव के बाहर स्थानांतरित कर दिया गया। चार मार्च को ग्राम समिति की एक बैठक में लोगों ने दंपति की हत्या करने फैसला किया और मुख्य आरोपी सुनील दीगल को 40,000 रुपये में हत्या की सुपारी दी।
पात्रा ने बताया कि सुनील ने बाद में पुलिस के सामने जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि वह दंपति की हत्या करने के लिए करीब 10 अन्य लोगों के साथ गया था। उन्होंने पहले बतासी की और फिर उसकी पत्नी ताहिरा की हत्या की।
ताहिरा सलागुडा ग्राम पंचायत की पूर्व वार्ड सदस्य थी।
एसपी ने बताया कि पुलिस ने इस संबंध में 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।
भाषा
गोला नरेश
नरेश
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