कांगो फीवर से जोधपुर की महिला की मौत, राजस्थान में सतर्कता बरतने और आवश्यक कदम उठाने के निर्देश |

कांगो फीवर से जोधपुर की महिला की मौत, राजस्थान में सतर्कता बरतने और आवश्यक कदम उठाने के निर्देश

कांगो फीवर से जोधपुर की महिला की मौत, राजस्थान में सतर्कता बरतने और आवश्यक कदम उठाने के निर्देश

:   Modified Date:  October 9, 2024 / 09:50 PM IST, Published Date : October 9, 2024/9:50 pm IST

जयपुर, नौ अक्टूबर (भाषा) कांगो फीवर से जोधपुर की एक महिला की मौत की पुष्टि के बाद राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर में इस संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

कांगो फीवर से संक्रमित जोधपुर की 51 वर्षीय महिला की अहमदाबाद के एनएचएल म्युनिसिपल मेडिकल कॉलेज में बुधवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। महिला के खून के नमूने जांच के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजे गए थे। जांच रिपोर्ट में महिला के कांगो फीवर से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी।

निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि जोधपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को प्रभावित क्षेत्र में त्वरित प्रतिक्रिया बल भेजकर संक्रमण की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने बताया कि क्षेत्र में संदिग्ध एवं लक्षण वाले रोगियों की पहचान कर उन्हें पृथकवास में रखने को कहा गया है।

डॉ. माथुर के मुताबिक, कांगो फीवर जानवरों से इंसानों में फैलने वाला एक संक्रामक रोग है, जो टिक (पिस्सू) के काटने से होता है। उन्होंने बताया कि प्रदेशभर में इस संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिए सभी सुरक्षात्मक कदम उठाने तथा आमजन को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं।

डॉ. माथुर के अनुसार, सभी निजी और सरकारी चिकित्सा संस्थानों से कहा गया है कि अगर किसी व्यक्ति में कांगो फीवर से जुड़े लक्षण नजर आते हैं, तो उसके नमूने तुरंत जांच के लिए भेजे जाएं और चिकित्सा विभाग को मामले की जानकारी दी जाए।

डॉ. माथुर ने बताया कि आरयूएचएस अस्पताल में पृथक रखे गए नागौर के 20 वर्षीय युवक की मंकी पॉक्स जांच की रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। यह युवक दुबई से जयपुर आया था। जयपुर हवाई अड्डे पर जांच के दौरान शरीर पर चकत्ते पाए जाने पर उसे आरयूएचएस अस्पताल भेजा गया था।

डॉ. माथुर ने बताया कि युवक के चेचक से पीड़ित होने की बात सामने आई थी, लेकिन मंकी पॉक्स की जांच के लिए एहतियातन उसके खून के नमूने सवाई मानसिंह अस्पताल भेजे गए थे। उन्होंने बताया कि बुधवार को युवक की जांच रिपोर्ट आई, जिसमें उसके मंकी पॉक्स से संक्रमित न होने की पुष्टि हुई।

भाषा

कुंज पारुल

पारुल

 

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