रांची। चंपई सोरेन सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कांगेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा में विरोध की लहर उठने लगी हैं। लातेहार विधायक द्वारा बैघनाथ ने सरकार के खिलाफ आवाज उठा दी हैं। उनका कहना हैं कि दो दिन के अंदर मुझे मंत्री बनाया जाए। चंपई सोरेन सरकार चर्चाओं में घिरा हुआ हैं। वजह हैं मंत्रिमंडल विस्तार। राज्य सरकार द्वारा शुक्रवार को नए मंत्रियों की सूची जारी कर राजभवन भेजी गई। जिसमें 12 मंत्री के तौर पर झारखंड मुक्ति मोर्चा लातेहार विधायक बैघनाथ राम का नाम भी शामिल था। वहीं राजभवन में मंत्रियों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम की पूरी तैयरियां हो चुकी थी। राजभवन के बाहर के मीडियाकर्मी भी पहुंच गए थे। जिसके कुछ समय के बाद ही विधायक बैघनाथ राम का नाम सूची से काट दिया गया।
विधायक बैघनाथ राम के अचानक नाम कट जाने से गुस्साए लातेहार विधायक ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार उन्हे 2 दिन में मंत्री बनाया जाए और अगर ऐसा नही हुआ तो वे इस पर नाम हटाने के फैसले पर कड़े कदम उठाएंगे। पर जब पार्टी छोड़ने की बात सामने आई तो उन्होने इस बात को खारिज कर दिया पर कहा कि अगर कहा जरूरत पड़ी तो वे निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस द्वारा 12 वे मंत्री पद पर आपत्ति जताई गई हैं। और उनका कहना हैं कि 12 वे मंत्री का पद पहले भी खाली था तो इसे खाली ही रखा जाए। जब इस पद को लेकर कोई चर्चाएं नही हुई हैं तो इस 12 वें पद को रिक्त रखे जाए। हालांकि अब देखना होगा कि झारखंड की राजनीति में क्या खास होगा।
नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा कि नाम शामिल होने के बाद अचानक नाम कट जाना अनुसूचित जाति के साथ ठगी हैं। झारखंड के 50 लाख अनुसूचित जाति वाले समाज को सरकार द्वारा एक और ठगी मिली। कांग्रेस,राजद और झामुओं इन पार्टीयों का दलित विरोधी चेहरा एक बार फिर सामने आया हैं। इन पार्टियों के लिए झारखंड की अनुसूचित जनता केवल झंडे उठाने के काम के लिए हैं न कि सत्ता में हिस्सेदारी के। मंत्रिमंडल में अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व शून्य ही रहेगा।
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