जम्मू कश्मीर के डीजीपी स्वैन ने सेवानिवृत्ति से पहले शहीदों को श्रद्धांजलि दी |

जम्मू कश्मीर के डीजीपी स्वैन ने सेवानिवृत्ति से पहले शहीदों को श्रद्धांजलि दी

जम्मू कश्मीर के डीजीपी स्वैन ने सेवानिवृत्ति से पहले शहीदों को श्रद्धांजलि दी

:   Modified Date:  September 30, 2024 / 07:00 PM IST, Published Date : September 30, 2024/7:00 pm IST

श्रीनगर, 30 सितंबर (भाषा) जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एवं 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी रश्मि रंजन स्वैन ने सोमवार को प्रताप पार्क स्थित शहीद स्मारक जाकर जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति देने वाले सुरक्षा बलों के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

स्वैन ने कहा, ‘‘एक पुलिस अधिकारी के लिए शहीद स्मारक उपासना का स्थान होता है, खासकर तब जब कोई अधिकारी जम्मू कश्मीर में सेवा करता है, जहां सैकड़ों लोग शहीद हुए हैं। मुझे लगता है कि मैं भी उन लोगों में से एक हो सकता था, जिन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया।’’

स्वैन सोमवार को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और उन्होंने इस क्षेत्र में अपने 30 साल के करियर को लेकर कहा कि उनके कई सहयोगियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया। स्वैन ने कहा कि यह बलिदान स्तंभ उनके खून और पसीने की बदौलत ही बना है। उन्होंने जम्मू कश्मीर के लोगों की सेवा करने का अवसर मिलने पर आभार व्यक्त किया।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने मुझे जम्मू कश्मीर के लोगों की सेवा करने का अवसर दिया। यह अवसर सभी को नहीं मिलता। मैं सरकार और अपने सहयोगियों तथा अन्य सुरक्षा सहयोगियों का आभारी हूं।’’

अपने कार्यकाल को याद करते हुए स्वैन ने कहा कि यह एक बहुत ही घटनापूर्ण चरण था, जिसमें उन्होंने स्थायी शांति लाने में योगदान देने का प्रयास किया।

उन्होंने कहा, ‘‘सम्मान के साथ शांति, जैसा कि कई लोग कहते हैं, केवल दिखावटी बात नहीं है, यह एक कठिन निर्णय था। मैंने पूरी ईमानदारी के साथ न केवल अपने बल बल्कि लोगों के लिए भी मुस्कान लाने, भय को दूर करने और खुशी और समृद्धि लाने का प्रयास किया।’’

स्वैन ने कहा कि जम्मू कश्मीर में हर किसी को शांति से रहने, समृद्ध जीवन जीने और भय से मुक्त रहने में सक्षम होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘यह मेरा प्रयास था और मुझे इस बात की खुशी है कि मैंने अवसर नहीं गंवाया।’’

नलिन प्रभात आज दिन में स्वैन से कार्यभार संभालेंगे। वह वर्तमान में जम्मू कश्मीर में पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) हैं।

भाषा

अमित माधव

माधव

 

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