नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) कांग्रेस ने झारखंड की गठबंधन सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए मंगलवार को कहा कि राज्य की पेंशन योजना भारत में सामाजिक सुरक्षा की संरचना में एक अभूतपूर्व स्थान रखती है।
झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत गठबंधन सरकार में है।
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए दो चरण में 13 और 20 नवंबर को मतदान होगा और मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘झारखंड की झामुमो-कांग्रेस सरकार की पेंशन योजना भारत में सामाजिक सुरक्षा की संरचना में एक अभूतपूर्व स्थान रखती है। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं। यह पूरी तरह से सार्वभौमिक पहुंच वाली है तथा पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाला कोई भी व्यक्ति लाभ प्राप्त कर सकता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा वृद्धावस्था पेंशन के लिए उम्रसीमा को 60 वर्ष से घटाकर 50 वर्ष किया गया। पात्रता के लिए बेहद सरल मानदंड, स्वचालित रूप से केवल आयकरदाताओं और सरकारी कर्मचारियों को बाहर किया गया। केंद्र सरकार से योगदान में देरी होने की स्थिति में पेंशन का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए 100 करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया गया।’’
रमेश के अनुसार, विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों से संबंधित परिवारों को घर की जनसांख्यिकी के बावजूद प्रति परिवार 1,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलती है तथा विधवा, एकल, तलाकशुदा, या परित्यक्त महिलाओं एवं ट्रांसजेंडर को 1,000 रुपये की मासिक पेंशन मिलती है।
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य सरकार अपने ख़ज़ाने से 28 लाख से अधिक व्यक्तियों को पेंशन प्रदान करती है, जो राज्य के कुल पेंशनभोगियों का 70 प्रतिशत है। यह आंकड़ा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार के योगदान से काफ़ी अधिक है, जिसमें झारखंड में 12 लाख से अधिक पेंशनभोगी शामिल हैं।’’
कांग्रेस नेता ने कहा कि झारखंड पूरे देश को रास्ता दिखा रहा है।
भाषा हक
हक पवनेश
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