नयी दिल्ली, नौ जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई)-एडवांस्ड के अभ्यर्थियों को दिए जाने वाले प्रयासों की संख्या तीन से घटाकर दो करने के खिलाफ दायर याचिका पर विचार करने की बृहस्पतिवार को सहमति दे दी।
यह याचिका जब न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष आई तो याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, “यह मामला आईआईटी (भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान) प्रवेश परीक्षा से संबंधित है जिसमें प्रयासों की संख्या तीन से घटाकर दो कर दी गई है।”
वकील ने कहा कि इसी तरह की एक याचिका 10 जनवरी को पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की गई थी, जिसके बाद अदालत ने दोनों को जोड़ने का निर्देश दिया था।
अधिवक्ता संजीत कुमार त्रिवेदी के माध्यम से दायर नई याचिका में कहा गया है कि यह प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थानों में प्रवेश की प्रक्रिया से संबंधित है, लेकिन जेईई-एडवांस्ड परीक्षा आयोजित करने के लिए नियुक्त संयुक्त प्रवेश बोर्ड (जेएबी) ने छात्रों के लिए पात्रता मानदंड को “मनमाने” तरीके से बदल दिया है।
याचिका में कहा गया है कि जेएबी ने पांच नवंबर 2024 की एक प्रेस विज्ञप्ति के जरिए जेईई-एडवांस्ड के लिए प्रयासों की स्वीकार्य संख्या तीन तय की, लेकिन बाद में 18 नवंबर 2024 की एक अन्य प्रेस विज्ञप्ति के जरिए इसे अचानक बदल दिया गया और प्रयासों की संख्या घटाकर दो कर दी गई।
भाषा
नोमान प्रशांत
प्रशांत
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