जद (यू), राजद, वाईएसआर कांग्रेस, बीजद की विशेष दर्जे की मांग, तेदेपा की चुप्पी पर कांग्रेस का सवाल |

जद (यू), राजद, वाईएसआर कांग्रेस, बीजद की विशेष दर्जे की मांग, तेदेपा की चुप्पी पर कांग्रेस का सवाल

जद (यू), राजद, वाईएसआर कांग्रेस, बीजद की विशेष दर्जे की मांग, तेदेपा की चुप्पी पर कांग्रेस का सवाल

:   Modified Date:  July 21, 2024 / 08:53 PM IST, Published Date : July 21, 2024/8:53 pm IST

नयी दिल्ली, 21 जुलाई (भाषा) संसद के बजट सत्र से पहले जनता दल (यूनाइटेड), वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल (बीजद) ने रविवार को बिहार, आंध्र प्रदेश और ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की जबकि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) की चुप्पी पर हैरानी जताई।

सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के साथ ही

सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की।

भाजपा के सहयोगी दलों-जनता दल (यूनाइटेड) के संजय कुमार झा और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस मांग का समर्थन किया।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी इस सुर में सुर मिलाए।

झा ने हालांकि कहा कि यदि विशेष दर्जा संभव नहीं है तो विशेष वित्तीय पैकेज भी एक विकल्प हो सकता है।

बैठक में शामिल कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि संसद सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में जद (यू) और वाईएसआर कांग्रेस ने क्रमश: बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की लेकिन ‘अजीब’ बात यह रही कि तेदेपा इस मामले पर चुप रही।

रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में जद (यू) नेता ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। वाईएसआर कांग्रेस नेता ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। अजीब बात रही कि तेदेपा नेता इस मामले पर चुप रहे।’’

सोशल मीडिया पर उनका यह पोस्ट तब आया जब बैठक जारी ही थी।

उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘राजनीतिक माहौल कैसे बदल गया है! सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में बीजद नेता ने रक्षा मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा को याद दिलाया कि ओडिशा में 2014 के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के घोषणापत्र में राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने का वादा किया गया था।’’

बीजद नेता सस्मित पात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी ने ओडिशा के लिए विशेष दर्जे की मांग की है।

उन्होंने कहा, ‘‘ओडिशा दो दशक से अधिक समय से विशेष राज्य के दर्जे से वंचित है। बीजद लंबे समय से इसकी मांग कर रहा है। बिहार और आंध्र प्रदेश के दलों ने भी इसकी मांग की है और केंद्र को विभिन्न राज्यों से आ रही ऐसी मांगों के साथ इस मुद्दे पर फिर से विचार करना चाहिए।’’

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के एक प्रमुख घटक जद (यू) ने हाल ही में एक प्रस्ताव पारित किया है जिसमें बिहार के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा या विशेष पैकेज की मांग की गई है।

आंध्र प्रदेश के नेता लंबे समय से राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग करते रहे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद इस मांग ने एक बार फिर से जोर पकड़ लिया है।

सर्वदलीय बैठक में वाईएसआर कांग्रेस द्वारा उठाए गए मुद्दों पर संवाददाताओं को जानकारी देते हुए राज्यसभा में पार्टी के नेता वी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि उनकी पार्टी द्वारा आठ मुद्दे उठाए गए, जिनमें सबसे पहला विशेष दर्जे का था।

उन्होंने कहा, ‘‘तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा राज्यसभा में इसका वादा किए जाने के दिन से ही यह हमारी मांग रही है। आज भी, हम मांग करते हैं कि विशेष श्रेणी का दर्जा ही एकमात्र समाधान है। तेदेपा इस मुद्दे को पूरी तरह से नजरअंदाज कर रही है। वह राज्य के लोगों के हितों से समझौता कर रही है।’’

वाईएसआर कांग्रेस के आरोप के बारे में पूछे जाने पर तेदेपा सांसद लावू श्री कृष्ण देवरायलु ने बैठक के बाद कहा, ‘‘हमारे मुद्दे स्पष्ट हैं, हम एक या दो मुद्दों पर नहीं अटके हैं, हमारे पास मुद्दों की एक पूरी श्रृंखला है। हम निश्चित रूप से आगामी बजट सत्र के इस अवसर का उपयोग आंध्र प्रदेश के लिए महत्वपूर्ण सभी मुद्दों को उठाने के लिए करेंगे।’’

उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार एक-दो दिन में राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेतपत्र जारी करने जा रही है।

देवरायलु ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि भारत के लोग इसे देखें। यह निश्चित रूप से लोगों के लिए एक सदमे जैसा होगा।’’

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि आंध्र प्रदेश की वित्तीय स्थिति की जांच की जाए जो दिन-प्रतिदिन बिगड़ रही है। इसलिए हम जो भी मांग करने जा रहे हैं, हम चाहते हैं कि सभी दल उन्हें स्वीकार करें।’’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार से शुरू हो रहे सत्र के दौरान मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।

सत्र सोमवार से शुरू होगा। यह 12 अगस्त तक प्रस्तावित है। इस दौरान 19 बैठकें होनी हैं। सत्र के दौरान सरकार की ओर से छह विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है, जिनमें एक 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने के लिए है। इस दौरान जम्मू एवं कश्मीर के बजट को भी संसद की ओर से मंजूरी दी जानी है। इस पूर्ववर्ती प्रदेश में वर्तमान में राष्ट्रपति शासन लागू है।

सीतारमण सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेंगी।

भाषा ब्रजेन्द्र दिलीप नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)