एकसाथ चुनाव पर जद(यू) सरकार के साथ, पंचायत चुनावों को इसकी परिधि से बाहर रखने का दिया सुझाव |

एकसाथ चुनाव पर जद(यू) सरकार के साथ, पंचायत चुनावों को इसकी परिधि से बाहर रखने का दिया सुझाव

एकसाथ चुनाव पर जद(यू) सरकार के साथ, पंचायत चुनावों को इसकी परिधि से बाहर रखने का दिया सुझाव

:   Modified Date:  September 18, 2024 / 08:56 PM IST, Published Date : September 18, 2024/8:56 pm IST

नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) जनता दल (यूनाईटेड) ने एक साथ चुनाव कराने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले का बुधवार को स्वागत करते हुए पंचायत चुनावों को इसकी परिधि से बाहर रखने की आवश्यकता जताई।

सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के इस प्रमुख घटक दल ने ‘एक देश, एक चुनाव’ को तेजी से लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने की वकालत भी की।

जद (यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘जद(यू) ने शुरु से ‘एक देश, एक चुनाव’ का समर्थन किया है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके प्रबल पैरोकार रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि बार-बार चुनावों से होने वाली परेशानियों को देखते हुए मंत्रिमंत्रल के फैसले को लागू करने की दिशा में सरकार को तेजी से कदम बढ़ाने की जरूरत है।

उन्होंने राज्यों की अलग-अलग परिस्थितियों और विभिन्न कारकों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘पंचायत चुनावों को इसकी परिधि से बाहर रखा जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि इस कदम से देश को बार-बार चुनाव कराने से छुटकारा मिल जाएगा, सरकारी खजाने पर बोझ से मुक्ति मिलेगी और नीतियों में निरंतरता बरकरार रहेगी।

जद (यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने एक बयान में कहा, ‘‘पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक समिति द्वारा अनुशंसित एक राष्ट्र, एक चुनाव के दीर्घकालिक परिणाम होंगे और देश को व्यापक लाभ होगा।’’

उन्होंने कहा कि इससे मतदान को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी।

जद (यू) उन दलों में से एक है जो एक साथ चुनाव कराने के विचार का समर्थन करते रहे हैं। पार्टी ने समिति के समक्ष अपनी प्रस्तुति में भी यही राय रखी थी। जद(यू), राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का प्रमुख घटक दल है।

तेलुगू देशम पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) सहित भाजपा के सभी सहयोगियों ने सैद्धांतिक रूप से इस अवधारणा का समर्थन किया है। यह मुद्दा हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घोषणापत्र में भी शामिल था।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इससे पहले दिन में हुई बैठक में समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा का आह्वान किया और कहा कि सरकार इस मुद्दे पर आम सहमति बनाने के लिए काम करेगी। विपक्षी दलों ने इसका कड़ा विरोध किया है।

‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर गठित उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल के समक्ष रखी गई, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति ने लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले मार्च में रिपोर्ट सौंपी थी।

वैष्णव ने बताया कि रिपोर्ट को सर्वसम्मति से मंजूरी दी गयी।

रिपोर्ट को मंत्रिमंडल के समक्ष रखना विधि मंत्रालय के 100 दिवसीय एजेंडे का हिस्सा था।

उच्च स्तरीय समिति ने पहले कदम के रूप में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने और उसके बाद 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय चुनाव कराने की सिफारिश की है।

समिति ने उसके द्वारा की गई सिफारिशों के क्रियान्वयन पर विचार करने के लिए एक ‘कार्यान्वयन समूह’ गठित करने का भी प्रस्ताव रखा है।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र अमित

अमित

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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