जद (यू) का अखिलेश पर पलटवार, जेपी के विचारों को अपनाया होता तो सपा पर ‘परिवार’ का आधिपत्य नहीं होता |

जद (यू) का अखिलेश पर पलटवार, जेपी के विचारों को अपनाया होता तो सपा पर ‘परिवार’ का आधिपत्य नहीं होता

जद (यू) का अखिलेश पर पलटवार, जेपी के विचारों को अपनाया होता तो सपा पर ‘परिवार’ का आधिपत्य नहीं होता

:   Modified Date:  October 11, 2024 / 02:02 PM IST, Published Date : October 11, 2024/2:02 pm IST

नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर (भाषा) जनता दल (यूनाइटेड) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग हो जाने की नसीहत दिए जाने पर शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर पलटवार किया और परिवारवाद को लेकर उनपर निशाना साधा।

जद (यू) ने कहा कि समाजवादी विचारक जयप्रकाश नारायण ने जिन जीवन मूल्यों को अपनाया, अगर अखिलेश यादव ने उसका लेस मात्र भी अपनाया होता तो समाजवादी पार्टी पर ‘एक परिवार’ का संपूर्ण आधिपत्य नहीं होता।

इससे पहले, अखिलेश यादव ने लखनऊ में जयप्रकाश नारायण की जयंती पर श्रद्धांजलि देने से ‘समाजवादियों’ को रोके जाने का आरोप लगाया था और बिहार के मुख्यमंत्री से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत राजग सरकार से समर्थन वापस लेने का आग्रह किया था।

यादव बृहस्पतिवार रात जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) पहुंचे थे और प्रवेश रोकने के लिए टिन की चादरों से मुख्य द्वार बंद करने पर योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की आलोचना की थी।

उन्होंने कहा कि बहुत सारे ‘समाजवादी’ लोग हैं, जो सरकार का हिस्सा हैं और व्यवस्था को चलाने में शामिल हैं।

यादव ने कहा, “बिहार के मुख्यमंत्री (नीतीश कुमार) भी समय-समय पर जयप्रकाश नारायण जी के बारे में बात करते रहते हैं, वास्तव में वह जेपी के आंदोलन से ही (एक राजनेता के रूप में) उभरे हैं। यह एक मौका है कि उन्हें उस सरकार से समर्थन वापस ले लेना चाहिए, जो समाजवादियों को जयप्रकाश की जयंती पर उन्हें याद करने से रोक रही है।”

जद (यू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने अखिलेश यादव की इस टिप्पणी को ‘हैरतअंगेज’ करार दिया और नसीहद दी कि उन्हें लोकनायक को केवल श्रद्धांजलि तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए।

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘जीवन मूल्यों के लिए जयप्रकाश नारायण आजीवन संघर्षरत रहे। उन्होंने संपूर्ण क्रांति की अवधारणा दी। उन्होंने परिवारवाद, वंशवाद और व्यवस्था परिवर्तन को लेकर जो आह्वान किया, अगर लेस मात्र भी अखिलेश यादव ने उन जीवन मूल्यों को तरजीह दी होती तो समाजवादी पार्टी पर एक परिवार का संपूर्ण आधिपत्य नहीं दिखता।’’

प्रसाद ने अखिलेश यादव पर जेपी की जयंती के दिन ‘संकीर्ण राजनीति’ करने का आरोप लगाया और कहा कि जहां तक श्रद्धांजलि में रोके जाने का सवाल है तो उन्हें आधी रात के बजाय जयंती के दिन का चयन करना चाहिए था।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे महामानवों की स्मृति में जब भी कोई दिवस आयोजित किए जाते हैं तो जनता ऐसी संकीर्ण राजनीति पसंद नहीं करती है।’’

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र सुरेश

सुरेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)