जद (यू) ने एक साथ चुनाव पर गठित समिति का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की |

जद (यू) ने एक साथ चुनाव पर गठित समिति का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की

जद (यू) ने एक साथ चुनाव पर गठित समिति का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की

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Modified Date: January 30, 2025 / 06:22 PM IST
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Published Date: January 30, 2025 6:22 pm IST

नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी जनता दल (यूनाईटेड) ने ‘एक देश, एक चुनाव’ संबंधी विधेयकों पर विचार के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के कार्यकाल में विस्तार की मांग की है, जबकि इसके एक अन्य सहयोगी दल लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) ने बिहार के लिए ‘विशेष औद्योगिक पैकेज’ की मांग उठाई।

सूत्रों ने बताया कि सर्वदलीय बैठक में जद(यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने जेपीसी के कार्यकाल में विस्तार की मांग की। जेपीसी को बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था।

पार्टी ने कहा कि उसने समिति के कार्यकाल में विस्तार की मांग की हैं क्योंकि इसकी केवल एक बार बैठक हुई है जबकि इस तरह के एक महत्वपूर्ण कानून के लिए व्यापक विचार-विमर्श की आवश्यकता है।

‘एक देश, एक चुनाव’ के लिए 39 सदस्यीय समिति में झा भी एक सदस्य हैं। भाजपा सांसद पीपी चौधरी की अध्यक्षता वाली समिति की शुक्रवार को दूसरी बैठक प्रस्तावित है।

झा ने यह भी कहा कि संसद कृत्रिम मेधा (एआई) में भारत की वर्तमान स्थिति पर चर्चा करे। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि कैसे चीनी ‘अपस्टार्ट डीपसीक’ ने क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है, जिसपर अब तक अमेरिकी कंपनियों का वर्चस्व था।

प्रदर्शन के मामले में विश्वस्तरीय प्रतिद्वंद्वियों के बराबर लेकिन कम लागत वाला एआई मूलभूत मॉडल होने के अपने दावे के साथ, डीपसीक के अचानक उभरने से पश्चिमी कंपनियों, विशेष रूप से ओपनएआई के वर्चस्व को खतरा पैदा हो गया। इसने क्षेत्र में चीन की बढ़ती ताकत को भी दर्शाया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के सांसद अरुण भारती ने राष्ट्रीय औसत के मुकाबले बिहार की प्रति व्यक्ति आय के बीच के बड़े अंतर को रेखांकित किया और राज्य के लिए एक विशेष औद्योगिक पैकेज की वकालत की।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी ने बिहार की अर्थव्यवस्था को विस्तार देने के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता मांगी है।

उन्होंने एक अन्य मुद्दा भी उठाया जो ‘चयन के लिए फिट नहीं’ होने के कारण आरक्षित श्रेणी की नौकरियों में रिक्तियों का ‘बढ़ना’ था।

भारती ने कहा कि सरकार को समयबद्ध तरीके से रिक्तियों को भरने के लिए एक कानून लाना चाहिए।

भाषा ब्रजेन्द्र ब्रजेन्द्र नरेश

नरेश

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(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)