जम्मू-कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद परिसीमन आयोग ने सरकार को 7 विधानसभा सीट बढ़ाने का सुझाव दिया था। इस सुझाव के बाद परिसिमिन आयोग ने गुरूवार को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। लेकिन जम्मू-कश्मीर के विपक्षी दलों ने इस रिपोर्ट को खारिज कर दिया है और सोमवार को चर्चा के लिए आपात बैठक बुलाई है। इस रिपोर्ट में आयोग ने जम्मू क्षेत्र में 6 नई विधानसभा सीट और कश्मीर घाटी को एक नई विधानसभा सीट देते हुए राजौरी व पुंछ इलाकों को अनंतनाग संसदीय सीट के तहत लाने की सिफारिश की थी।
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जम्मू के सर्वदलीय संयुक्त मोर्चा (एपीयूएम) ने परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को भेदभावपूर्ण, आपत्तिजनक और राजनीतिकी रूप से प्रेरित बताते हुए खारिज कर दिया है। इसके साथ ही विपक्षी दलों ने सोमवार को आपात बैठक भी बुलाई है। एपीयूएम ने दावा किया है कि आयोग की रिपोर्ट पक्षपातपूर्ण, प्रेरित और परिसीमन के सभी बुनियादी मानदंडों जैसे निकटता, सम्पर्क, जनसंख्या, भौतिक और सार्वजनिक सुविधाओं के खिलाफ है। इसी बीच अनुसूचित जनजाति के लिए नौं विधानसभा सीटें आरक्षित करने के लिए गुज्जर और बकरवाल संगठनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया।
परिसीमन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर के 90 सदस्यीय सदन में जम्मू मंडल में 43 सीटें होंगी, जबकि कश्मीर में 47 सीटें होंगी।
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बता दें कि एपीयूएम में कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस, माकपा, भाकपा के अलावा कई अन्य संगठन शामिल हैं। एपीयूएम की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आयोग ने जमीनी हकीकत को पूरी तरह से नजरअंदाज किया है और विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की सुविधाओं तथा आकांक्षाओं की उपेक्षा की है। बयान में आगे कहा गया है कि इस रिपोर्ट के बाद जो हालात उत्पन्न हुए हैं, उस पर चर्चा के लिए आपात बैठक बुलाई गई है।