राजौरी/जम्मू, 21 जून (भाषा) जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बधाल गांव में रहस्यमय परिस्थिति में तीन परिवारों के 17 सदस्यों की मौत के कारण का पता लगाने के लिए एक उच्च स्तरीय अंतर-मंत्रालयी दल की जांच मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
गृह मंत्रालय के एक निदेशक स्तर के अधिकारी के नेतृत्व वाले केंद्रीय दल ने जांच के तहत सोमवार को गांव में लगभग छह घंटे बिताए।
अधिकारियों ने कहा कि जांच दल मंगलवार सुबह राजौरी से बधाल गांव दोबारा पहुंचा और नमूने एकत्र करने और तीनों परिवारों के जीवित सदस्यों और ग्रामीणों के साथ बातचीत करने जैसी अपनी गतिविधियों को फिर से शुरू किया।
गृह मंत्री अमित शाह ने 7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच राजौरी शहर से लगभग 55 किमी दूर सुदूर गांव में एक-दूसरे से जुड़े तीन परिवारों के लोगों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए अंतर-मंत्रालयी दल के गठन का आदेश दिया था।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला स्थिति का जायजा लेने और शोक संतप्त परिवारों से बातचीत करने के लिए गांव का दौरा कर सकते हैं।
इससे पहले जम्मू-कश्मीर सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि जांच और नमूनों से जुड़े अनुभव के आधार पर संकेत मिला है कि घटनाएं बैक्टीरिया या किसी वायरस से जनित संचारी बीमारी के कारण नहीं हुईं थीं।
मृतकों के नमूनों में कुछ ‘न्यूरोटॉक्सिन’ पाए जाने के बाद एक विशेष जांच दल का गठन किया गया था।
अधिकारियों ने हाल ही में गांव में एक झरने को सील कर दिया है, क्योंकि इसके पानी में कुछ कीटनाशकों की पुष्टि हुई है।
मिश्रित आबादी वाले गांव के लोगों को उम्मीद है कि जांच से 13 बच्चों समेत 17 ग्रामीणों की अचानक मौत के रहस्य से पर्दा उठ जाएगा।
नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और स्थानीय विधायक जावेद इकबाल चौधरी ने इतनी बड़ी त्रासदी के बावजूद ग्रामीणों के धैर्य और सरकार और चिकित्सा टीम के साथ उनके सहयोग की सराहना की।
स्थानीय निवासी सुरजीत सिंह ठाकुर ने कहा कि पूरे गांव में दहशत और शोक का माहौल है, लेकिन ‘‘हम परीक्षा की इस घड़ी में एकजुट होकर खड़े हैं। ’’
भाषा संतोष मनीषा
मनीषा
Follow us on your favorite platform:
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)